रजिस्ट्री में छिपाई सही जानकारी, पेड़ों की असली संख्या बताते तो मिलता ज्यादा राजस्व
रायगढ़। मेडिकल कॉलेज रोड की जमीनों पर अभी जिले के बड़े जमीन कारोबारियों की नजर है। एकाएक इस रोड की जमीनों की कीमतों में उछाल आ गया है। जमीनों की रजिस्ट्री में कई तरह की गड़बड़ी भी की जा रही है। इसी रोड पर एक जमीन की रजिस्ट्री में सही जानकारी छिपाई गई है। बताया जा रहा है कि पेड़ों की संख्या दर्जन भर दिखाकर रजिस्ट्री कराई गई है जबकि यहां तो जंगल है। मेडिकल कॉलेज रोड पर पुसौर तहसील के नावापाली की खसरा नंबर 32/6 रकबा 1.3670 हे. भूमि है। इसमें से 0.6090 हे. भूमि को करीब 60 लाख रुपए में झारसुगड़ा निवासी क्रेता प्रतिमा संजय जैन को बेचने के लिए कई तरह के गोलमाल किए गए।
हल्का पटवारी से मिलीभगत कर बिक्री नकल में 13 पेड़ दर्शाए गए हैं। जबकि उक्त जगह पर दोनों ओर घना जंगल है, जहां हर कदम पर एक पेड़ है, वहां केवल 13 पेड़ ही दिखाए गए हैं। इस तरह साजिश कर शासन राजस्व हानि पहुंचाई गई है। अब एक और व्यक्ति सामने आया है जो स्वयं को इस भूमि का मालिक बता रहा है। सहनी राम चौहान का दावा है कि बिक्री की गई जमीन पर कई सालों से उसका कब्जा है। जमीन पर ढाई सौ से अधिक छोटे-बड़े पेड़ हैं।
कोटवारी जमीन खरीदी का मास्टरमाइंड
रायगढ़ जिले में कोटवारी सेवा भूमि को किस तरह खरीदना है और कैसे मामला दबाना है, इसका उपाय उसे मालूम है। राजस्व मंडल ने रायगढ़ जिले के करीब तीन दर्जन कोटवारी जमीन खरीदी के मामलों में एफआईआर के आदेश दिए थे। इसमें सबसे ज्यादा प्रकरण आलोक इन्फोटेक के ही थे। इन मामलों को भी तहसील स्तर पर ही दबा दिया गया। शासकीय सेवा भूमि को अलटी-पलटी कर करोड़ों की कमाई की जा चुकी है।

