0 अंग्रेजी मीडियम की तुलना में हिंदी माध्यम में बहुत कम शिक्षक, ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों का हाल भी खराब
रायगढ़। स्कूलों का सत्र प्रारंभ हुए करीब तीन महीने बीतने को हैं। लेकिन अब तक शिक्षकों की समस्या बरकरार है। शिक्षकों के असमान पदस्थापना के कारण भी कमी हो रही है। नटवर स्कूल में सेटअप बढ़ाने की मांग स्कूल शिक्षा विभाग से की गई है।
शासकीय नटवर स्कूल की बिल्डिंग में ही स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल शुरू किया गया। विवाद हुआ तो पूर्व से यहां पढ़ रहे हिंदी मीडियम के छात्रों को भी पढ़ाने का काम जारी रखा गया। अब एक ही बिल्डिंग में दोनों स्कूल चल रहे हैं। दोनों के लिए अलग-अलग शिक्षक होने चाहिए। हकीकत यह है कि अब तक अंग्रेजी मीडियम के शिक्षकों पर ही पूरा फोकस रहा है। हिंदी मीडियम स्कूल को दोयम दर्जे का बना दिया गया है। शिक्षा विभाग ने अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में 46 शिक्षक दिए हैं। वहीं हिंदी मीडियम में अपेक्षाकृत कम छात्र संख्या होने के बावजूद 18 ही शिक्षक दिए हैं। हिंदी मीडियम में 6 वीं से 12 वीं तक की कक्षाएं सुबह लगती हैं। जबकि अंग्रेजी मीडियम स्कूल दोपहर 12 बजे से लगता है।
प्री प्रायमरी कक्षाएं भी प्रारंभ की गई हैं। दोनों स्कूलों में अभी भी अंतर है। हिंदी मीडियम में करीब 870 छात्र हैं। इनके लिए मात्र 18 शिक्षक हैं। प्रति शिक्षक 48 छात्र हैं। अंग्रेजी मीडियम में 943 विद्यार्थियों के लिए 46 शिक्षक हैं। मतलब 20 बच्चों में एक शिक्षक है। अंग्रेजी मीडियम में एक कक्षा में 50 से अधिक विद्यार्थी नहीं रखे जाते ताकि पढ़ाई ठीक से हो सके। जबकि हिंदी माध्यम में कोई लिमिट ही नहीं है। शिक्षा विभाग ने हिंदी माध्यम को पीछे धकेलकर अंग्रेजी मीडियम को प्राथमिकता दी है। अब कहा जा रहा है कि स्कूल के लिए शिक्षकों की मांग की गई है।
