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Raigarh News : मिलावटी कोयले के कारण गाड़ियों के भुगतान में कटौती

ओडिशा और रायगढ़ के गाड़ी मालिकों के बीच लोडिंग विवाद समेत कई कारणों से चल रहा गतिरोध शनिवार को खत्म, दोनों पक्षों की ओर से आई आपत्तियां

रायगढ़। रायगढ़ और ओडिशा के ट्रांसपोर्टरों के बीच विवाद के कारण दो दिनों से रेंगालपाली व हमीरपुर बैरियर पर जाम लग गया था। दोनों ओर सैकड़ों वाहनों की कतार लग गई थी। शनिवार को विवाद खत्म हो गया। दोनों पक्षों के बीच बातचीत में जो सबसे अहम बात सामने आई, वह कोयले में मिलावट की थी। दोनों ओर से आरोप लगाया गया कि खदान से निकले कोयले में रास्ते में ही मिलावट कर दी जाती है।

रायगढ़ के गाड़ी मालिकों ने ओडिशा की कोयला खदानों में कम भाड़ा मिलने और लोडिंग में भेदभाव करने की समस्या को लेकर हंगामा कर दिया। उन्होंने ओडिशा की गाडिय़ों की एंट्री रोक दी। इसका असर दूसरी तरफ भी हुआ। वहां के यूनियन ने भी रायगढ़ से जाने वाली गाडिय़ों को रोक दिया। इस वजह से रेंगालपाली बैरियर और हमीरपुर बैरियर के पास दोनों ओर गाडिय़ों की लंबी कतार लग गई। दोपहर में ओडिशा के यूनियन पदाधिकारी रेंगालपाली पहुंचे। दोनों पक्षों के बीच लंबी चर्चा हुई।

इस दौरान रायगढ़ के गाड़ी मालिकों ने कहा कि उन्हें संबलपुर और सुंदरगढ़ जिले की कोयला खदानों से बहुत इंतजार के बाद लोडिंग मिलती है। जबकि ओडिशा के ट्रांसपोर्टर की गाडिय़ां पहले लोड करके निकल जाती हैं। इस पर बेलपहाड़ और झारसुगुड़ा यूनियन सदस्यों ने कहा कि इन खदानों पर उनका कोई कंट्रोल नहीं है। वर्तमान में गाडिय़ों को रोके जाने के कारण झारसुगुड़ा जिले के गाड़ी मालिकों का नुकसान हो रहा है। बाद में विधायक प्रकाश नायक और सीएसपी अभिनव उपाध्याय भी वहां पहुंचे और दोनों पक्षों के बीच सुलह करवाया। दोनों ही गाडिय़ों को जाने देने और भेदभाव को खत्म करने की मांग पर सहमत हुए।

ट्रांसपोर्टर काटता है राशि
रायगढ़ के प्लांटों को महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड की माइंस से भी कोयला मिलता है, जिसका परिवहन ओडिशा और रायगढ़ के ट्रांसपोर्टर करते हैं। वहीं एसईसीएल से ओडिशा की कई कंपनियां कोयला लेती हैं। इसमें भी दोनों जगहों के गाड़ी मालिक काम करते हैं। रायगढ़ के गाड़ी मालिकों का कहना है कि उनको ओडिशा के गाड़ियों की तुलना में कम भाड़ा मिलता है। करीब 800 रुपए प्रति टन के बजाय 600 रुपए ही मिलते हैं।

इस पर ओडिशा के गाड़ी मालिकों का कहना है कि रायगढ़ से जो कोयला वहां पहुंचता है, उसमें रास्ते में मिलावट हो जाती है। इसलिए कंपनी ट्रांसपोर्टर से राशि काट लेता है। ट्रांसपोर्टर भी भरपाई के लिए गाड़ी मालिकों के भाड़ा में कटौती कर देता है।

दोनों ओर दस-दस किमी लाईन
रेंगालपाली बैरियर के दोनों ओर ट्रकों और डंपरों की कतार लग गई। 10-15 किमी तक रोड किनारे गाडिय़ां थीं। रायगढ़ के गाड़ी मालिक मांग कर रहे थे कि उन्हें लोडिंग में बराबर मौका दिया जाए। वहीं ओडिशा के ट्रांसपोर्टर कह रहे थे कि कोयले में मिलावट और अन्य परेशानी खत्म हो। एनटीपीसी लारा से भी निकली गाडिय़ां भी फंसी रहीं।