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Raigarh News : हाटी के जंगल में फिर हुई एक हाथी की मौत, वन विभाग में मचा हड़कंप

धरमजयगढ़। वनमंडल धरमजयगढ़ के अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही से फिर एक जंगली हाथी का पूर्ण शव बरामद हुआ है, वहीं विभाग के सभी अधिकारी कर्मचारी फिर एक बार मृत हाथी को लेकर कुछ कहने के मूड में नहीं है लिहाजा अपने कर्त्तव्यों पर पर्दा डालते हुए इस घटना को लेकर चुप्पी साधे हुए है, आज सुबह फिर एक जंगली हाथी की मौत का मामला सामने आया है, जिसके बाद वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।

यह घटना छाल रेंज की है जिसमें हाटी के खेत बहरी जंगल के पीएफ 555 एक नव वयस्क हाथी का एक सप्ताह पुराना शव बरामद हुआ है। घटना की सूचना मिलते ही धरमजयगढ़ डीएफओ अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को लेकर घटनास्थल पर पहुंचे और इसकी जांच में जुट गये, एक के बाद एक लगातार जंगली हाथियों की मौत का मामला सामने आ रहे है हाल ही के 2 अगस्त को पीएफ 554 के जंगल में एक हाथी की सड़ी गली लाश मिली थी तो वहीं जमाबीरा के जंगल में एक हाथी की लाश पाई गई, जिसके दांत गायब थे और आज फिर एक हाथी का शव पाया गया है। लगातार हो रही इस तरह हाथियों की मौत को लेकर अब वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों पर भी सवाल दागे जा रहे है और हमेशा की तरह इनके पास कोई जवाब नही है ।

अधिकारी-कर्मचारियों की लापरवाही से हो रही मौतें

धरमजयगढ़ वनमंडल अधिकारी जब से यहां पदस्थ हुए हैं, हाथियों के मौत की यह तीसरी घटना है जिसका एकमात्र कारण यह है कि बीट गार्ड जंगल में ड्यूटी करने के बजाय शहरी चकाचौंध में व्यस्त है और डीएफओ को इससे कोई सरोकार नहीं है ऐसे में जंगल में हाथियों की मौत हो रही है और विभाग के अफसरों को इसकी जानकारी तक नहीं होती जो हाल के तीन माह में हुए तीन हाथियों के मौत की घटनाओं से पता चलता है।

अधिकारी-कर्मचारी ठेकेदारी में मस्त, लकड़ी तस्कर तस्करी में व्यस्त

जी हां कुछ इसी तरह का खेल धरमजयगढ़ वनमण्डल के विभिन्न रेंजों के जंगलों में देखने को मिल रहा है छाल कापू और धरमजयगढ़ सहित अन्य इलाके में आये दिन लकड़ी तस्करी की खबरे सामने आती रहती है कुछ मामलो में विभाग कार्यवाही करता है और कुछ मामलों को रफा-दफा कर देता है अभी हाल की ही एक घटना की बात करे , जिसमें घरघोड़ा के छोटे गुमड़ा गांव में कुछ लकड़ी तस्कर लकड़ी तस्करी को अंजाम दे रहे थे जहां पिकअप में लदे लकड़ी के भारी बोझ के कारण पिकप का पट्टा टूट जाने गांव के नजदीक ही लकड़ी पटक कर चले गए जिसके बाद विभाग के अधिकारियों का कहना था की यह लकड़ी घरघोड़ा क्षेत्र की नहीं है और इस तरह की गोलाई मोटाई के पेड़ धरमजयगढ़ क्षेत्र में है।

इससे साफ हो गया था की माल धरमजयगढ़ का था लेकिन इस घटना के वावजूद भी विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपने कर्मचारियों से ना तो कोई सवाल किए और ना ही इसकी तहकीकात की। वहीं बात करें अधिकारियों की तो आजकल विभाग के अधिकारी केवल पुल पुलिया और सड़क निर्माण के कार्यों को ज्यादा महत्व दे रहे है और इन कामों से फुर्सत मिले तो अधिकारी जंगल की तरफ ध्यान दें।