सीडब्ल्यूसी-2 में चावल जमा करने की क्षमता बहुत अधिक, जानबूझकर देरी करने के कारण चावल जमा करने लंबी लाइन
रायगढ़। सेंट्रल वेयरहाउस कॉर्पोरेशन के मैनेजरों की दसों उंगलियां घी में हैं और सिर कड़ाही में है। गोदामों में भरपूर क्षमता होने के बावजूद पूरे स्पेस में चावल जमा नहीं लिया जाता। भारतीय खाद्य निगम से एग्रीमेंट होने के कारण सभी गोदामों का किराया मिलता है। भले ही दस में से चार गोदाम खाली हों लेकिन उसका भी किराया वसूला जाता है। कस्टम मिलिंग की रफ्तार धीमी करने के पीछे कई तरह के षडयंत्र चलते रहते हैं। एफसीआई में जमा होने वाला चावल ऑन डिपो गोदाम के अलावा सेंट्रल वेयरहाउस के गोदामों में जाता है। एफसीआई इन गोदामों को किराए पर लेता है।
जिले में कितना भी आवंटन हो, सारे गोदाम किराए पर ले लिए जाते हैं। चावल जमा करते समय गोदाम भर भी नहीं पाते। हर साल कई गोदाम रायगढ़ में सीडब्ल्यूसी-2 के गोदामों में एफसीआई का चावल जमा होता है। सीडब्ल्यूसी-2 के मैनेजर की चतुराई के कारण गोदामों में चावल लेने की रफ्तार को बेहद धीमा कर दिया जाता है, ताकि दूसरे गोदाम पहले भर सकें। ऐसा करने के कारण एफसीआई को भारी नुकसान होता है। एजेंसी को उन गोदामों का भी किराया देना पड़ता है जहां चावल का एक दाना जमा नहीं होता।
एनएच तक लग रही कतार
गढ़उमरिया स्थित सीडब्ल्यूसी-2 में इन दिनों चावल से भरे ट्रकों की लंबी लाइन देखने को मिल रही है। क्वालिटी जांच में भी देरी होने के कारण ट्रक तीन-चार दिनों में खाली हो रहे हैं। इस वजह से वाहनों की कमी हो रही है। किराए के खेल में कई बड़े अधिकारी भी शामिल हैं।
