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Raigarh News : आम जनता को केंद्र में रखकर बेसिक पुलिसिंग के पक्षधर हैं CSP अभिनव

रायगढ़। आम जनता को केंद्र में रखकर बेसिक पुलिसिंग से अपराध का ग्राफ कम किया जा सकता है। इसके लिए पुलिस और पब्लिक दोनों की भूमिका निर्णायक होती है। वहीं, युवा पीढ़ी शॉर्टकट के चक्कर में न पड़ें, बल्कि अपने और लक्ष्य के बीच दूरी को समझकर पॉजीटिव सोच रखें तभी सही मायने में सफलता तक पहुंचा जा सकता है। यह कहना है- नवपदस्थ नगर पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय का।

राजधानी रायपुर निवासी और सीएसईबी के रिटायर्ड एकाउंटेंट रमेश उपाध्याय तथा श्रीमती साधना उपाध्याय के आंगन में 21 अप्रैल 1990 को अभिनव का जन्म रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ में हुआ। अभिनव के बड़े भाई अभिषेक उपाध्याय टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग रायपुर के असिस्टेंट डायरेक्टर हैं। चूंकि, रमेश उपाध्याय विद्युत मंडल के लेखपाल थे, इसलिए अभिनव की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा यानी कक्षा पहली से आठवीं तक धरमजयगढ़ के सरस्वती शिशु मंदिर में हुई। फिर, नवमीं से बारहवीं तक गणित विषय में आगे की पढ़ाई जिंदल स्कूल में हुई।

अभिनव ने रायपुर के दिशा कॉलेज में 2008 से 12 तक मैकेनिकल इंजीनियरिंग का कोर्स किया। यही नहीं, एमटेक के लिए इन्होंने गेट एग्जाम भी क्लियर किया। चूंकि, अभिनव की दिली ख्वाहिश सिविल सर्विस में जाने की थी, इसलिए यूपीएससी की तैयारी करने ये दिल्ली चले गए। 2015 में रायपुर में एमपीपीएससी और सीजीपीएससी एग्जाम में भाग्य आजमाने वाले अभिनव ने दोनों परीक्षा में प्री तथा मेंस निकालते हुए अच्छा रैंक हासिल किया। इसमें सीजीपीएससी में बेस्ट रैंक अपने नाम करने पर अभिनव ने चंदखुरी के राज्य पुलिस अकादमी में 5 जून 2017 से 10 सितंबर 18 तक प्रशिक्षण लिया, जिसमें ऑल राउंड बेस्ट प्रोवेशनर साबित हुए।

नारायणपुर में हुई पहली पदस्थापना
एसटीएफ बघेरा में 45 दिन ट्रेनिंग के बाद प्रोवेशन पोस्ट में अभिनव ने बिलासपुर जिले के सरकंडा में प्रशिक्षु डीएसपी के तौर पर अक्टूबर 2018 से अप्रैल 20 तक पहला अनुभव पाया। मई 20 में नारायणपुर में डीएसपी के रूप में फर्स्ट पोस्टिंग हुई। अक्टूबर 2021 से सालभर तक बीजापुर के कुटरू में इन्होंने एसडीओपी का भी कार्य किया। तदुपरांत, विगत 27 सितंबर से अभिनव ने रायगढ़ सीएसपी का पदभार ग्रहण किया।

बचपन की दोस्त श्रुति को बनाया जीवन संगिनी
सीएसपी अभिनव ने 10 फरवरी 2019 को श्रुति के संग अग्नि के समक्ष सात फेरे लेते हुए उनको अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया। मूलत: ओडिशा के बरगढ़ की श्रुति और अभिनव धरमजयगढ़ में एक साथ पढ़े हैं और दोनों परिवार के लोगों का गहरा संबंध रहा जो समय के साथ रिश्तेदारी में बदल गई। श्रुति उपाध्याय पीएचडी कर रही हैं।

चौसेला-टमाटर चटनी है पसंदीदा व्यंजन
छत्तीसगढिय़ा संस्कृति में पले-बढ़े अभिनव को चावल आटे से बना चौसेला रोटी और टमाटर चटनी बेहद पसंद है। पिता रमेश उपाध्याय को अपना आदर्श मानने वाले अभिनव को आध्यात्मिक पुस्तकें पढऩे का शौक होने के कारण सद्गुरु इनके फेवरेट राईटर हैं। बॉलीवुड के मनोज बाजपेयी, इरफान खान और अभिनेत्री भूमि पेंडनेकर की रुपहले पर्दे पर अदाकारी इनको खूब भाती है। ईशा फाउंडेशन से जुडऩे को ये अपने जीवन के सर्वाधिक खुशी के क्षण मानते हैं तो यूपीएससी मेंस नहीं निकाल पाने का इनको बेहद मलाल भी है।

संघर्ष के दौर में आध्यात्म ने बदली जिंदगी
अभिनव जब दिल्ली गए तो यूपीएससी को लेकर काफी मानसिक तनाव झेल रहे थे। कामयाबी और नाकामयाबी के बीच असमंजस के दौर में आध्यात्म की ओर रुझान होने पर आर्ट ऑफ लिविंग ज्वॉइन किया। आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़ते हुए सद्गुरु से भी जुड़े। हिमालय के योगियों से भी मुलाकात हुई तो जीवन की झलक मिलने पर काफी परिवर्तन आया। योग के दर्शन से प्रभावित अभिनव की आध्यात्म से जिंदगी बदल गई।

कला और संस्कारधानी नगरी की खासियत है सहृदयता
नगर पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय को रायगढ़ के लोग सहज और सहयोगात्मक व्यवहार के लगते हैं। ऐसे में ये कहते भी हैं कि सहृदयता यहां की खासियत है और लोग मासूमियत से भरे हैं। छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में माने जाने वाले रायगढ़ की चक्रधर समारोह की अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहचान है। सांस्कृतिक धरोहर से परिपूर्ण इस जिले में पदस्थापना से अभिनव खुश भी हैं, क्योंकि शास्त्रीय संगीत में इनकी खासी दिलचस्पी है।

सुघ्घर रईगढ़ के परिकल्पना को पूरा करने होगी सरप्राइज चेकिंग
यातायात समस्या से जूझ रहे रायगढ़ को इससे उबारकर सुघ्घर रईगढ़ बनाने के लिए पुलिस प्रशासन भी गंभीर है। नाबालिग वाहन चालकों की खैरखबर लेते हुए उनके लापरवाह अभिभावकों की पुलिस क्लास लेगी। वहीं, जिले में सडक़ दुर्घटना की रोकथाम के लिए भारी वाहनों की सरप्राइज चेकिंग भी होगी। रोड एक्सीडेंट के बढ़ते अनुपात को रोकने पुलिस इसके असल कारणों के तह तक जाएगी।

कोई भी इनपुट हो तो जनता बेझिझक करे शेयर
युवा अधिकारी अभिनव अपराध रोकने की प्लानिंग को प्राथमिकता देते हुए जनता से भी अपेक्षा करते हैं कि वे खाकी वर्दी पर विश्वास रखते हुए मौका दें। पुलिस से दरें नहीं, ये पब्लिक की रक्षा के लिए हैं। कोई भी इनपुट गो तो बेझिझक होकर साझा करें। होटल-लॉज में ठहरने वाले और किरायेदारों का लोग ईमानदारी से ब्यौरा दें तो काफी हद तक अपराध रोका जा सकता है। साथ ही अपने घर-दुकानों के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगवाएं तो मददगार साबित होगी।

टीचर्स के मोटीवेशन से निखरी पर्सनैलिटी
अभिनव बताते हैं कि रायगढ़ के जिंदल स्कूल के शिक्षकों के मोटीवेशन से इनकी पर्सनैलिटी में निखार आया। कक्षा नवमीं से बारहवीं तक पढ़ाई के दौरान गए काफी हद तक खुले। टीचर्स लीना और राखी देवनाथ जैसे शिक्षाविदों की प्रेरणा ने इनको आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया। अंत में अभिनव बताते हैं कि अगर वे पुलिस अफसर नहीं बनते तो शास्त्रीय संगीत के छात्र होते।

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