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Raigarh News : इकोपार्क रामझरना की गेटमनी में भ्रष्टाचार, दीमक बनकर प्रभारी ने चट कर दी सरकारी राशि

रायगढ़। रामवन गमन मार्ग में चिन्हित रामझरना इकोपार्क की गेटमनी में भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। हैरत की बात तो यह है कि प्रभारी ने ही दीमक बनकर सरकारी रकम को चट कर दिया। यही नहीं, इकोपार्क की गेटमनी राशि को प्रभारी ने रामझरना के बैंक खाते से रेंजर रायगढ़ के एकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जो आश्चर्य का विषय है।

नरेंद्र चौबे द्वारा वनमंडल अधिकारी रायगढ़ से भूपदेवपुर इकोपार्क के गेटमनी में अनियमितता को लेकर सूचना के अधिकार के तहत चाही गई जानकारी में कई झोलझाल की पोल खुली। जैसा कि रामझरना गेटमनी रसीद बुक के मुख्य पृष्ठ में अजय कुमार साहू (सारंगढ़) ने 400 रुपये वसूला, मगर काउंटर में इसे 250 रुपये दर्शाया गया। इसी तरह गिरधारी पटेल (घरघोड़ा) ने रसीद बुक में 310 रुपये वसूला और काउंटर प्रति में इसे 220 रुपये बताया। जयप्रकाश पटेल (मुरा) ने 290 वसूलते हुए 240 लिखा तो ललित कुमार (किरोड़ीमल) ने भी रसीद में 100 रुपए वसूले, पर काउंटर में इसे कम करते हुए महज 30 रुपए ही दर्शाया। जानकारों की मानें तो फर्जीवाड़े का यह कारनामा रामझरना प्रभारी के दस्तखत से हुआ।

जनवरी 2021 में रसीद 1 लाख 48 हजार 100 रुपए का रसीद कटा, मगर बैंक में 1 लाख 37 हजार 905 रुपए ही जमा हुआ। पासबुक के आधार पर टिकट से प्राप्त राशि पब्लिक का पैसा है, लेकिन उसे बैंक में जमा नहीं किया गया। इस तरह जनवरी 2021 से मार्च 22 तक लाखों की हेराफेरी कर इकोपार्क प्रभारी ने गबन किया, जो उनसे वसूली योग्य है। इकोपार्क रामझरना के लेखा अध्ययन में खुलासा हुआ कि मुख्यालय से बगैर स्वीकृति लिए मार्च 2022 में 2 लाख 74 हजार 800 रुपये का भुगतान भी हुआ और तो और, नियमों की बखियां उधेड़ते हुए तत्कालीन रेंजर ने मनमर्जी से जो भी दुरुपयोग किया, वह भी वसूली योग्य है।

यही नहीं, इकोपार्क प्रभारी ने रामझरना के बैंक एकाउंट से वनपरिक्षेत्र अधिकारी रायगढ़ के खाते में ट्रांसफर कर पब्लिक की गाड़ी कमाई की बंदरबांट की। ऐसे में कलेक्टर को आवेदन की प्रतिलिपि प्रेषित करते हुए नरेंद्र ने इकोपार्क प्रभारी और नियंत्रणकर्ता पर आपराधिक प्रकरण बनाते हुए कार्रवाई की पुरजोर मांग की है।