रायगढ़। एक ओर छग शासन की ओर से जानकारी दी जा रही है कि प्रदेश में शतप्रतिशत सॉलिड वेस्ट डिस्पोजल किया जा रहा है। वहीं नगर निगम रायगढ़ इसे झूठा साबित कर रहा है। रामपुर के बाद अब ट्रांसपोर्ट नगर को भी ट्रेचिंग ग्राउंड में बदल दिया गया है। बस स्टैंड से लगी जमीन पर हजारों टन कचरा डंप किया गया है जिसका निराकरण नहीं किया जा सका है। छग पर्यावरण संरक्षण मंडल की ओर से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को वर्ष 20-21 की रिपोर्ट भेजी गई। इसमें प्रदेश के 166 नगरीय निकायों के आंकडे भेजे गए हैं। राज्यवार ठोस अपशिष्ट के उपचार में छग ने शतप्रतिशत आंकड़े प्रस्तुत किए हैं। मतलब छग के 166 नगरीय निकायों में उत्सर्जित ठोस अपशिष्ट का निराकरण किया गया।
यह सफेद झूठ है क्योंकि नगर निगम रायगढ़ की कार्यशैली से यही साबित हो रहा है। अभी तक रायगढ़ शहर से निकले कचरे का ट्रीटमेंट नहीं हो पा रहा है। दूसरे निकायों में स्थिति और भी खराब है। शहर में कई जगहों पर डंपिंग प्वाइंट बनाए जा चुके हैं। इन जगहों से कचरा उठाकर कुछ को रामपुर और कुछ को ट्रांसपोर्ट नगर भेजा जा रहा है। सारंगढ़ बस स्टैंड से लगी हुई जमीन पर कचरे का अंबार लगा दिया गया है। नगर निगम की हकीकत अलग है और रिपोर्टिंग में झूठ लिखा जा रहा है। सीईसीबी ने जो जानकारी भेजी है उसके मुताबिक छग के 166 निकायों में हर घर से कचरा इकट्ठा किया जा रहा है। यही नहीं सेग्रिगेशन भी 100 प्रश और परिवहन भी शतप्रतिशत हो रहा है। इससे भी बड़ा झूठ बताया गया कि इस कचरे से कम्पोस्ट बनाया जा रहा है।
कम्पोस्टिंग प्लांट चला रहा है निगम
वर्ष 20-21 की रिपोर्ट हाल ही में सार्वजनिक की गई है। नगर निगम की असलियत कुछ और है जबकि रिपोर्ट में मनगढ़ंत तथ्य प्रस्तुत किए गए हैं। 166 निकायों में शामिल निगम को भी शतप्रतिशत डिस्पोजल करने वाला निकाय बताया गया है। कम्पोस्ट प्लांट भी निगम चला रहा है लेकिन कहां चला रहा, कितना कम्पोस्ट बेचा गया, इसकी कोई जानकारी नहीं है।
हर तरफ बदबूदार कचरा
रामपुर में सालों तक कचरे का पहाड़ खड़ा करने के बाद निगम ने गंद करने के लिए ट्रांसपोर्ट नगर को चुना है। कचरे को अलग करेन का काम नहीं हो रहा है क्योंकि मणिकंचन केंद्र बंद पड़े हैं। इक्का-दुक्का में ही काम हो रहा है। ट्रांसपोर्ट नगर बस स्टैंड से लगी हुई जमीन पर ही हजारों टन कचरा डाला जा चुका है। अब इसे साफ करने के लिए अलग से प्लान बनाया जाएगा।
