रायगढ़। रायगढ़ में रिंग रोड का मसौदा शासन द्वारा स्वीकृत किए जाने की खबर समाचार पत्रों और विभिन्न न्यूज वेबसाइट के माध्यम से पता चली है। रायगढ़ व्यापारी संघ इसके लिए शासन का धन्यवाद ज्ञापित करता है और इस प्रस्ताव का स्वागत करता है। साथ ही शासन से यह मांग करता है कि इस प्रस्तावित रिंग रोड को अंतिम रूप देने से पूर्व रायगढ़ की जनता से इस पर विचार विमर्श होना चाहिए क्योंकि यह रिंग रोड रायगढ़ की जनता के हितों को ध्यान में रखकर बनाया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि किसी भी शहर के रिंग रोड को आने वाले भविष्य में 40-50 वर्षों के होने वाले भौगोलिक विकास के अनुमान के आधार पर बनाया जाता है इसलिए यह रिंग रोड रायगढ़ के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। पहले भी शहर के विकास की कई अधोसंरचनाओं की योजना बंद कमरों में प्रस्तावित हुई और फिर जब वे बनी तो कुछ दिनों में ही अनुपयोगी हो गई।
वर्तमान प्रस्तावित रिंग रोड का जो मसौदा समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ है, उसमें कुछ परिवर्तन होने चाहिए जैसे कि अंबिकापुर पत्थलगांव जशपुर धरमजयगढ़ घरघोड़ा तमनार होते हुए जो भारी वाहन आएंगे वे गोवर्धनपुर होते हुए इंदिरा विहार के रास्ते से आगे बढ़ेंगे यहां पर देखने वाली बात यह है कि गोवर्धनपुर और इंदिरा विहार तक रायगढ़ का विस्तार हो चुका है। कई कालोनियां बसी हुई है कई कालोनियां प्रस्तावित है यहां पर दो बड़े स्कूल है और एक कृषि महाविद्यालय है जिनके छात्र-छात्राएं प्रतिदिन यहां आते हैं और यही से आना-जाना भी करते हैं यदि भारी वाहन इस मार्ग का इस्तेमाल करेंगे तो कुछ दिनों में ही यह एक बड़ा नासूर बन जाएगा फिर इस अनुपयोगी मार्ग को कहीं और प्रस्तावित किया जाएगा ऐसे में शासन का करोड़ों का नुकसान तो होगा ही हो सकता है कि इन भारी वाहनों की चपेट में आकर कुछ नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ जाए।
रायगढ़ व्यापारी संघ के महामंत्री हीरा मोटवानी ने कहा कि होना यह चाहिए कि एक मार्ग एनटीपीसी रेल लाइन द्वारा इस्तेमाल किया गया है। इस मार्ग को भी उर्दना के पास से बाहरी बाहर एनटीपीसी रेल लाइन के समानांतर ले जाते हुए उड़ीसा मार्ग से जोड़ दिया जाए जिससे भारी वाहन शहर के अंदर नहीं आएंगे और भी शहर को प्रदूषित भी नहीं करेंगे। यदि हम शहर के बाकी कोनों को देखें तो वहां पर रिंग रोड को शहर से बहुत दूर से बनाया जा रहा है परंतु यही एक ऐसा कोना है जो शहर से स्पर्श करते हुए निकलेगा अतः इसे भी शहर से दूर होना चाहिए व्यापारी संघ के संस्थापक सदस्य बजरंग महमिया, राजेश अग्रवाल, ललित बोंदिया, राकेश पटेल, उमाशंकर पटेल, रवि अग्रवाल, करतार सिंह कालरा, धर्मपाल चौधरी ने शासन से इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
