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Raigarh News : कलेक्टर ने दिए नेपियर रूट खरीदी की जांच के आदेश ! पशु चिकित्सा सेवाएं के पूर्व उप संचालक आरएच पांडे के कार्यकाल का मामला, डीएमएफ से मिले 20 लाख रुपए का भुगतान एक ही फर्म को

रायगढ़। दोगुनी से से भी ज्यादा कीमत में नेपियर रूट खरीदी के मामले में कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं। डीएमएफ से आवंटित 20 लाख रुपए को गोठान समितियों के जरिए एक ही फर्म को भुगतान कराया गया। उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं को जमीनी स्तर पर जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया गया है।

डीएमएफ की रकम को बिना किसी कार्ययोजना के ऊलजलूल कामों में खर्च कर दिया गया। पानी की तरह डीएमएफ की राशि बहाई गई। ताजा मामला नेपियर घास रूट खरीदी का है। कलेक्टर के आदेश पर उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं को अफसरों को डीएमएफ से 22,21,968 रुपए स्वीकृत किए गए थे। तत्कालीन उप संचालक आरएच पांडे ने इसमें से 19,99,771 रुपए 150 गोठानों में व्यय कर दिए। यह रकम 150 गोठान समितियों में बांटकर भेजी गई। इस राशि से कुल 13,33,100 नेपियर रूट खरीदी करने का दावा किया गया।

सभी गोठानों से एक ही फर्म शरण साइलेज फाम्र्स प्रालि भिलाई को भुगतान किया गया। वर्तमान में 150 गोठानों में से किसी भी जगह बमुश्किल ही नेपियर घास के दर्शन होंगे। नेपियर रूट को मंगवाकर सभी गोठानों में लगाया जाना था। यह मवेशियों के लिए चारे की तरह काम आता, लेकिन सब कुछ बेकार हो गया। इतनी बड़ी रकम व्यर्थ हो गई। इस मामले में अब कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने जांच के आदेश दिए हैं। वर्तमान उप संचालक ने मैदानी कर्मचारियों को सभी गोठानों में जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है।

चार बिंदुओं में होनी है जांच
उप संचालक ने अपनी मातहतों को चार बिंदुओं में जांच करने के लिए कहा है। क्या नेपियर रूट की खरीदी की गई, इसका भुगतान किया गया या नहीं, इसकी डिलीवरी होने के बाद कहां लगाया गया और वर्तमान स्थिति क्या है। इन चारों बिंदुओं में जांच कर रिपोर्ट दी जानी है। बताया जा रहा है कि कमीशनखोरी के लिए ही एक ही फर्म शरण साइलेज फाम्र्स को भुगतान किया गया।

आधी से कम दर में मिलते हैं स्टेम
नेपियर रूट या स्टेम की खरीदी में बहुत बड़ा घोटाला किया गया। अगर इसका कोई टेंडर निकाला जाता या कोटेशन मंगाई जाती तो ज्यादा कंपनियां आतीं। तब वास्तविक दरों पर खरीदी होती, लेकिन इससे बचने के लिए ही 20 लाख को 150 गोठान समितियों में बांट दिया गया। किसी को 10 हजार रुपए रुपए दिए गए तो किसी को 15 हजार। इस राशि को फर्म को ट्रांसफर करवा दिया गया। जबकि ऐसी ही दूसरी फर्म से हमने कोटेशन मांगा तो एक लाख स्टेम के लिए 80 पैसा दर प्रस्तुत की गई। फिलहाल मामले में जांच शुरू हो गई है।

क्या कहते हैं तंवर
कलेक्टर साहब ने सभी गोठानों में नेपियर रूट खरीदी और उसक्र क्रियान्वयन की जांच के आदेश दिए हैं। फील्ड स्तर पर जांच कर रिपोर्ट मांगी जा रही है।
जीएस तंवर, उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं

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