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छत्तीसगढ़ में शीतलहर से कड़ाके की ठंड, जमी बर्फ, पारा लुढ़का

Cold wave Outbreak in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में कड़ाके की ठंड की शुरुआत हो गई है. मौसम विभाग ने उत्तरी छत्तीसगढ़ में शीतलहर की संभावना जाहिर की है. गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में नवंबर के महीने से ही कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है.पेंड्रा के खुले मैदानी इलाकों में अभी से ओस की बूंदे जमनी शुरू हो गई है. यहां पारा 11 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है.

दिसंबर की शुरुआत होते ही गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में कड़ाके की ठंड ने दस्तक दे दी है. पेंड्रा के खुले मैदानी इलाकों में अभी से ओस की बूंदे जमनी शुरू हो गई है. ठंड से बचने के लिए लोग गर्म कपड़ों और अलाव का सहारा ले रहे हैं. बढ़ती ठंड की वजह से शिक्षा विभाग ने भी स्कूलों के समय में परिवर्तन कर दिया है. नया समय आज से ही प्रभावशील होगा.

अमरकंटक की तराई इलाके में बसे गौरेला पेंड्रा मरवाही में कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है. बुधवार को पेंड्रा का अधिकतम तापमान 24 डिग्री और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस है. ठंड का असर जनजीवन पर साफ देखने को मिल रहा है. सुबह के वक्त भी लोग गर्म कपड़े पहने धूप सेकते नजर आते हैं. वहीं लोग चाय की चुस्कियां लेकर ठंड से बचने की कोशिश की जा रही है. सुबह एवं शाम के वक्त लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं. दिसंबर का महीना कड़ाके की ठंड के लिए ही जाना जाता है. वहीं दिसंबर लगते ही पेंड्रा इलाके में ठंड का खासा प्रभाव देखने को मिल रहा है. पेंड्रा के मैदानी और बाहरी इलाकों में सुबह ओस की बूंदे जमनी शुरू हो गई है. जो दिन निकलने तक जमी रहती है.

स्कूलों के समय में किया गया बदलाव

लगातार बढ़ रही ठंड पर प्रशासन ने भी संज्ञान लिया है. स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर स्कूलों के समय में परिवर्तन किए हैं. अब जिले में कोई भी प्राइवेट या निजी स्कूल सुबह 9:45 से पहले नहीं लगेगा. हालांकि दो पारियों में लगने वाले स्कूलों की टाइमिंग सुबह 8:00 बजे थी, जो अब 8:45 पर ही लगाए जा सकेंगे. मौसम विभाग ने उत्तरी इलाकों से चल रही हवा को बढ़ते ठंड की वजह बताया है.