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Home | Raigarh News : मल्टीएक्टिविटी का दावा, एक भी एक्टिविटी ठीक से नहीं, गोठानों में छाई है वीरानी, हर जगह गोबर का भंडार, वर्मी कम्पोस्ट के नाम पर सूखा गोबर बेच रहे

Raigarh News : मल्टीएक्टिविटी का दावा, एक भी एक्टिविटी ठीक से नहीं, गोठानों में छाई है वीरानी, हर जगह गोबर का भंडार, वर्मी कम्पोस्ट के नाम पर सूखा गोबर बेच रहे

रायगढ़। नरवा, गरवा, और बारी योजना के तहत गांव-गांव में घुरवा गोठान बना दिए गए। मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन समेत कई योजनाओं की रकम इसमें धकेल दी गई। इसमें महिला समूहों को मल्टीएक्टिविटी से जोड़ने की कवायद हो रही है जो अब तक आकार नहीं ले सकी है। गोठान वीरान पड़े हैं और वर्मी कम्पोस्ट के नाम पर सूखा हुआ गोबर ही पड़ा हुआ है। गोधन न्याय योजना के जरिए ग्रामीणों को ऐसे रोजगार से जोड़ा गया जो अब पटरी से उतर चुका है। सभी गोठानों में कमोबेश एक जैसी स्थिति है। करोड़ों रुपए का गोबर खरीदकर इन गोठानों में डंप कर दिया गया। महिला समूहों को बिना ट्रेनिंग के ही वर्मी कम्पोस्ट बनाकर बेचने को कहा गया।

अब हालात ऐसे हैं कि किसी भी गोठान में ओरिजिनल वर्मी कम्पोस्ट नहीं बन रहा इसकी जानकारी लेने के लिए कोसमनारा, ननसिया, देवरी, डूमरपाली, सपनई, मुड़ियाडीह आदि गोठानों में पड़ताल की गई। कोसमनारा में कुछ महिलाएं दिखीं जो पैरा एकत्र कर मल्टीएक्टिविटी शेड में जमा कर रही थी। यहां कुछ हिस्से में सब्जी की खेती की जा रही थी लेकिन इसको भी कोई अन्य ही कर रहा है। वर्मी टांके में करोड़ों का गोबर सूखा पड़ा हुआ है।

बोरों में पैक करके रखा हुआ नाम का वर्मी कम्पोस्ट बेकार हो चुका है। यहां एक बंसोड़ को बांस के सामान बनाने के लिए रखा गया है। लेकिन उसने क्या बनाया और कितना बनाया पता नहीं। देवरी और डूमरपाली के गोठानों में तो कोई एक्टिविटी नहीं दिखी। यहां सपनई में तो गोठान के चारों ओर फेंसिंग ही नहीं है। सोलर पंप कहीं चल रहे हैं तो कहीं खराब पड़े हुए हैं।

मुर्गी रोड भी खाली
गोठानों में प्रशासन ने करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। एक साथ कई काम करने की कोशिश में एक भी नहीं हो पा रहा है। महिला समूह नाम के लिए गोठानों का संचालन कर रही हैं लेकिन सच यह है कि उनके उत्पादों के लिए बाजार ही नहीं है। इन गोठानों में वर्मी कम्पोस्ट के अलावा कोई गतिविधि नहीं हो रही है और वह भी फ्लॉप है।