रायगढ़। शहरी क्षेत्रों के आसपास बसाहट बढऩे के कारण पेड़ों की कटाई होती जा रही है। हरियाली कम होने के कारण अब विभाग भी इस दिशा में कुछ नया करने का प्रयास कर रहा है। सभी नगरीय निकाय क्षेत्रों के 10 किमी के दायरे में नगर वन विकसित किए जाएंगे। जैसे-जैसे आबादी बढ़ती जा रही है, हरियाली कम होती जा रही है। शहर की सीमा में पेड़ों की कटाई ज्यादा हुई है। वन भूमि पर अतिक्रमण भी होने लगा है। नगरीय क्षेत्रों के आसपास नगर वन या नगर वाटिका विकसित करने के लिए तैयारी की गई है।
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को इस संबंध में आदेश दिया था जिसके बाद छग सरकार ने भी सभी निकायों को आदेश दिया है। शहर के दस किमी की सीमा के अंदर नगर वन विकास किया जाना है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के आदेश से से शहरी क्षेत्रों में हीित आवरण एवं जैव विविधता विकसित करने के लिए नगर वन बनाए जाने हैं। 10 से 50 हेक्टेयर भूमि को चिह्नित करते हुए वन विभाग के साथ योजना बनाई जाननी है। इस योजना को कैम्पा के राष्ट्रीय प्राधिकरण के तहत केंद्रीय अनुदान की सहायता प्राप्त होगी।
वन भूमि पर भी हो रहा अतिक्रमण
इस योजना का उद्देश्य वन भूमि को अतिक्रमण से भी बचाना है। दरअसल शहर के आसपास वन भूमि पर भी अतिक्रमण हो रहे हैं। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा चुकी है। जिस वन भूमि में पेड़ों की संख्या कम है, वहां नगर वन विकसित किए जा सकते हैं।
