लैलूंगा। छत्तीसगढ़ सरकार के आदेशानुसार प्रदेश के समस्त निकायों में 6 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक छत्तीसगढ़ ओलंपिक खेल का आयोजन किया जाना है। विदित हो की छत्तीसगढ़ में यह पहली मर्तबा है जब छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 14 तरह के पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया है जैसे कि गिल्ली डंडा, पिट्टूल, लंगड़ी दौड़, बांटी (कंचा), बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा की प्रतियोगिता वगैरह। इसका मकसद छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे ले जाने और खेलकूद को बढ़ावा देना है।
लैलूंगा नगर में आज छत्तीसगढ़ ओलंपिक का शुभारंभ लैलूंगा नगर पंचायत के अध्यक्ष श्रीमती मंजू मित्तल ने किया। इस शुभारंभ कार्यक्रम में उपाध्यक्ष रविंद्र पाल धुर्वे, पार्षद एवं खेल आयोजन समिति के संक्षक आदित्य बाजपेई, पार्षद कृष्णा जायसवाल, मोहन भगत,मनोनीत पार्षद शंकर लाल यादव, दीनबंधु पटेल, सीएमओ सी पी श्रीवास्तव, शिक्षक कान्हु राम गुप्ता, खेल शिक्षक गौरव अग्रवाल इंजीनियर, नगर पंचायत के समस्त कर्मचारी और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
छत्तीसगढ़ ओलंपिक के प्रथम दिन गेड़ी दौड़ और सौ मीटर दौड़ की धूम रही।। छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को देखने के लिए मैदान में लोगों की काफी भीड़ लगी रही। खिलाड़ियों से ज्यादा रोमांच दर्शको में रहा। बता दें कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए ऐसा प्रयास अभी तक किसी ने नहीं किया, पहली बार ये प्रयास मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर रहे हैं। छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक से गांव-गांव के लोग उत्साहित हैं इस प्रतियोगिता से स्थानीय खिलाड़ियों को अपने जौहर दिखाने का अवसर मिलेगा।



