रायगढ़, 8 दिसंबर। इन दिनों जिले का टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग में कुर्सी दौड़ प्रतियोगिता हो रही है। डिप्टी कलेक्टर कुर्सी छोडऩे को तैयार नहीं हैं और उन्होंने संचालनालय से आलोक सिंह को पोस्टिंग वाले आदेश को रद्दी की टोकरी में डाल दिया है। इस वजह से विभाग में सारे काम प्रभावित हो रहे हैं। किसी भी जिले में व्यवस्थित विकास में नगर तथा ग्राम निवेश विभाग की अहम भूमिका होती है। यह बात शायद रायगढ़ कलेक्टर और दूसरे अधिकारियों के ध्यान में नहीं आई है। अफसरों ने अपने चहेतों को उपकृत करने के लिए कई कार्यालयों को अस्थिर कर दिया है। उन्हीं में से एक उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय भी है। पूर्व कलेक्टर भीम सिंह ने इस कार्यालय में दो सहायक संचालकों को किनारे कर दिया और कलेक्टोरेट में बैठे डिप्टी कलेक्टर को कुर्सी पर बैठा दिया था। तब से वे कुर्सी नहीं छोड़ पा रहे हैं।
वर्तमान कलेक्टर ने पीके गुप्ता को लैलूंगा का एसडीएम बनाया, तब भी उन्होंने टाउन एंड कंट्र्री प्लानिंग का प्रभार नहीं छोड़ा। लैलूंगा और रायगढ़ के दोनों कार्यालयों को एक ही अधिकारी नहीं संभाल सकता। इस वजह से नगर तथा ग्राम निवेश विभाग में दिक्कत आ रही है। संचालनालय ने 23 नवंबर को आदेश जारी कर आलोक सिंह को ही उप संचालक का चार्ज दिया था। हैरत की बात है कि संचालनालय को रायगढ़ कार्यालय को व्यवस्थित करने के लिए पुराने आदेश को रिपीट करना पड़ा। इसके बाद भी हालात नहीं बदले हैं। बताया जा रहा है कि अब भी पीके गुप्ता ने दोनोंं कार्यालयों पर वर्चस्व कायम रखा है। उन्होंने संचालनालय के आदेश को भी मानने से इंकार कर दिया है। विभाग में मची धमाचौकड़ी पर किसी आला अधिकारी का ध्यान नहीं है।
कई कॉलोनियों की फाइलें लम्बित
नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय के लिपिकों ने बताया कि उप संचालक को आवंटित सरकारी वाहन उनके पास ही है। कई कॉलोनियों की फाइलें लंबित हैं। कई काम प्रभावित हो रहे हैं लेकिन किसी को कोई मतलब नहीं है।
