लैलूंगा जनपद सीईओ और नगर निगम की टीम ने किया शिफ्ट
रायगढ़। जिस संबलपुरी गौठान को आदर्श बनाकर मुख्यमंत्री के हाथों फीता कटवाया गया था, आज वहां एक भी मवेशी नहीं है। नगर निगम ने गौठान के सभी पशुओं को लैलूंगा और घरघोड़ा शिफ्ट कर दिया है। पता चला है कि चारे की व्यवस्था नहीं है जिसके कारण वे गौठान को चला सके। इसलिए मंगलवार रात को दो बजे सभी पशुओं को लैलूंगा और घरघोड़ा शिफ्ट कर दिया गया।
यह बेहद गंभीर मामला है। सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना गांवों में कैसे चलेगी जब नगर निगम जैसी इकाई भी फेल हो रही है। संबलपुरी गौठान का शुभारंभ बहुत जोर-शोर से किया गया था। मुख्यमंत्री ने 2 जनवरी 2021 को इसका उद्घाटन किया था। प्रारंभ में 45 लाख रुपए इसके लिए स्वीकृत किए गए थे। यह गौठान अपनी सफलता से अधिक बेतरतीबी के लिए सुर्खियों में रहा। आखिरकार नगर निगम ने गौठान को चलाने के बजाय हाथ पीछे खींच लिए। मंगलवार रात करीब 2 बजे करीब 350 मवेशियों को लैलूंगा और घरघोड़ा के गौठानों और गौशालाओं में शिफ्ट कराया गया। संबलपुरी का आदर्श शहरी गौठान अचानक से वीरान हो गया है। चौकीदार और एक कर्मचारी का कहना है कि रात को लैलूंगा जनपद सीईओ और गौठान के नोडल अधिकारी मुन्ना ओझा आए और गायों को ले गए। उनके साथ दस मजदूर भी थे। गौठान का संचालन करने वाले गौसेवा समिति को भी सूचना नहीं दी गई।
फंड ही नहीं निगम के पास
पिछले साल भी बदइंतजामी के कारण संबलपुरी गौठान का चर्चा में आया था। यहां एक साथ 300 से भी ज्यादा पशु होने के कारण हर महीने दस लाख रुपए खर्च होते थे। चारा, बिजली बिल, कर्मचारी वेतन मिलाकर बहुत व्यय होता था। पहले तो डीएमएफ से राशि आवंटित की जाती रही, लेकिन सरकार का आदेश है कि गौठानों का संचालन जिस समिति को दिया जाएगा, वह मल्टी एक्टिविटी की मदद से आय अर्जित कर इसे चलाएगी, लेकिन संबलपुरी में यह कॉन्सेप्ट फेल हो गया। पशुओं के लिए चारा की भी व्यवस्था करना मुश्किल हो गया।
अब डीएमएफ से नहीं मिलेगी राशि
गौठान के प्रारंभ में खनिज न्यास मद से मनमानी राशि गौठान के लिए आवंटित की जाती रही। इसके लिए कोई अलग से मद ही नहीं है। गौठान जहां बना है वह निगम क्षेत्र के अंतर्गत नहीं आता लेकिन जिद करके वहां शहरी गौठान बनाया गया। सूत्रों के मुताबिक अब कलेक्टर ने गौठान के लिए डीएमएफ से कोई भी राशि जारी करने से इंकार कर दिया है। इसे खुद ही अपने खर्च पर चलाने को कहा था जिसके बाद नगर निगम ने मवेशियों को शिफ्ट करने का निर्णय लिया है। रात को घने जंगलों के बीच से हांकते हुए सभी मवेशियों को हटाया गया।
क्या कहते हैं वीरेन्द्र
मुझे इसकी जानकारी नहीं है। कृषि विभाग के एसएडीओ ने मवेशियों को शिफ्ट कराया होगा :
वीरेंद्र राय, जपं सीईओ लैलूंगा
क्या कहते हैं मुन्ना
मैं अभी किसी दूसरी जगह पर हूं। फोन की बैटरी लो है। थोड़ी देर बाद आपको कॉल करता हूं :
मुन्ना ओझा, नोडल अधिकारी
