मुख्यमंत्री ने अवैध प्लॉट काटने वालों के विरुद्ध दिए हैं एफआईआर के निर्देश, गढ़उमरिया में व्यापार विहार नामक निजी कॉलोनी तैयार
रायगढ़, 16 मार्च। बिल्डरों ने ऐसी-ऐसी जगहों पर कॉलोनियां काट ली हैं, जहां आसानी से किसी की नजर नहीं जाती। कार्रवाई करने के लिए जब तक प्रशासन सक्रिय होता है तब तक बिल्डर प्लॉट बेचकर मुनाफा अंदर कर चुका होता है। कांशीराम चौक से रेंगालपाली रोड पर गढ़उमरिया में व्यापार विहार कॉलोनी की भी ऐसी ही कहानी है। मामला उजागर होने के बाद बिल्डर तेजी से माल समेटने में लगा है जबकि प्रशासन ने जांच भी शुरू नहीं की है।
रायगढ़ शहर की सूरत बिगाड़ने में भू-माफियाओं की अवैध प्लॉटिंग और सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण सबसे बड़ा कारण है। कहीं भी प्लॉट काटकर बेचने वाले बिल्डरों और भूमाफियाओं पर से नियंत्रण खत्म होता जा रहा है। एनएच 49 किनारे गढ़उमरिया में व्यापार विहार नामक कॉलोनी काटी गई है। एनएच से करीब डेढ़ सौ मीटर अंदर कॉलोनी का गेट है। बताया जा रहा है कि यहां करीब दस प्लॉट बेचे जा चुके हैं। कृषि भूमि को बिना डायवर्सन के बिना अनुमति के बेचा जा रहा है।
यहां कुछ निर्माण भी प्रारंभ हो चुके हैं। सीसी रोड आदि तो पहले ही बनाई जा चुकी है। मामला उजागर होने के बाद अब बाकी प्लॉट भी तेजी से निकालने का काम शुरू हो गया है। कई जमीन दलाल भी सक्रिय हो गए हैं। लेकिन जिनको जांच करनी है, वे पटवारी को प्रतिवेदन तक नहीं मांग पाए हैं। बिक्री नकल देने वाले पटवारी के पास मामले की पूरी जानकारी है।
क्यों नहीं डरते प्लॉट काटने वाले
कृषि भूमि पर भी प्लॉट काटकर कॉलोनियां खड़ी करने वालों के मन से कार्रवाई का डर खत्म हो चुका है। इसकी वजह राजस्व विभाग खुद है। बीते तीन सालों में एक भी कॉलोनाइजर या भूमाफिया पर कार्रवाई करने में नाकामी ही इस बात का प्रमाण है। यही वजह है कि अब तेजी से अवैध प्लॉटिंग हो रही है।
