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Raigarh News : भवन नियमितीकरण की एक भी फाईल नहीं कर सके पास

रायगढ़। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कई बार कह चुके हैं कि जनता को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए नियमितीकरण कानून लाया गया है। इसलिए प्राथमिकता के साथ इसका फायदा लोगों को दिलाया जाए, लेकिन रायगढ़ नगर निगम को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आदेश के इतने महीनों में एक भी फाइल नहीं हो पाना, निगम का असली चेहरा दिखाता है। ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों के लिए यह बहुत इम्पैक्ट वाली योजना है। सरकार की मंशा उन निर्माणों को नियमित करने की है, जो सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना या अनुमोदित भवन निर्माण अनुज्ञा अभिन्यास से अलग है।

मतलब पास हुए नक्शे के विपरीत या बिना अनुज्ञा के निर्माण को आवेदन लेकर नियमित करना है। इसके लिए नगर निगम और संबंधित निकायों में आवेदन किए गए हैं। ऐसे मकानों को नियम के तहत निर्धारित शास्ति राशि जमा करवाकर नियमित करवाया जा सकता सरकार ने आदेश दिया है कि 14 जुलाई 2022 के पूर्व की स्थिति में निर्मित मकानों को ही इसका लाभ दिया जाना है। रायगढ़ नगर निगम में आए आवेदनों में से अब तक एक को भी फाइनल एप्रूवल नहीं मिल सका है।

बताया जा रहा है कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग को अनुमोदन के लिए भेजा गया था लेकिन कुछ आपत्ति की वजह से वापस लौटा दी गई। शहर में ऐसे सैकड़ों मकान, कॉम्पलेक्स हैं जो बिना अनुज्ञा के बनी हुई हैं। कई मकान नक्शे से थोड़ा अलग बनाए गए हैं। ऐसे लोगों से आवेदन लेकर नियमितीकरण किया जाना है। 120 वर्ग मीटर मतलब 1291 वर्गफुट तक के मकानों से कोई शास्ति नहीं ली जानी है। इस योजना से हजारों लोगों को लाभ मिलेगा। नगर निगम की लापरवाही से यह योजना भी गर्त में जा रही है।

चुनाव में मिलेगा प्रत्यक्ष लाभ
इस योजना का प्रत्यक्ष लाभ अगले विधानसभा चुनाव और निकाय चुनाव में मिलेगा। जो मकान बिना अनुमति के बनाए गए हैं, उन पर कार्रवाई का हमेशा डर लगा रहता है। सरकार ने ऐसे मकान मालिकों को नगरीय निकाय या टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में आवेदन करने का विकल्प दिया है। अगर ये मकान नियमित हो जाते हैं। सरकार को राजस्व भी मिलेगा और चुनाव में एक उपलब्धि गिनाई जा सकेगी।