रायगढ़, 30 नवंबर। अनुसूचित जाति को प्रस्तावित 13 प्रतिशत आरक्षण को 16 फीसदी यथावत करने की मांग को लेकर बहुजन समाज पार्टी ने कलेक्ट्रेट में हल्ला बोला। बसपा नेताओं ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को इस आशय का ज्ञापन देते हुए अपना पक्ष भी रखा। बुधवार दोपहर बहुजन समाज पार्टी के दर्जनभर से अधिक नेता संगठन का झंडा लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे।
राष्ट्रपति द्रौपती मुर्मू के नाम जिलाधीश श्रीमती रानू साहू की जगह डिप्टी कलेक्टर रमेश कुमार मोर को प्रेषित आवेदन में जिला बसपा के अध्यक्ष सरजू प्रसाद अजगल्ले का कहना है कि भारतीय संविधान लागू होने के बाद से ही अविभाजित मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति का आरक्षण हमेशा 16 प्रतिशत ही रहा है, जिसे छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पश्चात् 4 फीसदी कम कर दिया गया। फिर उसमें 1 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव लाया गया जो सही नहीं है। आरक्षण मिलने के बावजूद उसके पालन में सरकार नाकाम है, बल्कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों को आरक्षण का फायदा मिल रहा है।
ऐसे फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी करने वालों की पहचान कर उनको सख्त सजा दी जाए। वहीं, बसपा नेता राधेश्याम रात्रे बताते हैं, बहुजन समाज पार्टी का शुरू से मानना है कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी जिम्मेदारी यानी जिस समाज की जितनी आबादी है उसको शिक्षा, सत्ता, सम्पत्ति और शासन-प्रशासन में उतनी भागीदारी मिलनी चाहिए, लेकिन प्रदेश सरकार अब भारतीय संविधान का खुला उल्लंघन करते हुए अनुसूचित जाति और जनजाति के अलावे पिछड़ा वर्ग पर भेदभाव कर रही है।
ऐसे में महामहिम राष्ट्रपति से निवेदन है कि छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जातियों का आरक्षण पहले की तरह 16 प्रतिशत यथावत् करने के लिए सरकार को आदेशित करें। ज्ञापन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे बसपा नेताओं में इनोसेंट कुजूर, डॉ. रूपलाल चौहान, कैलाश भगत, रोहन लाल भारद्वाज, काशीराम टंडन, मोतीलाल अजगल्ले प्रमुख रूप से शामिल थे।
