रायगढ़ (8 मार्च)। गुटबाजी और पैसों की राजनीति के लिये अखिल विश्व में प्रसिद्ध जिला भाजपा में रायगढ़ विधानसभा की टिकिट के लिए छिड़े घमासान के बीच भाजपा प्रभारी ओ. पी. माथुर ने एलान किया है कि रायगढ़ विधानसभा की टिकिट खुली नीलामी के जरिये तय की जायेगी। ज्ञातव्य हो कि भाजपा में जिसके पास भी थोड़ा पैसा है वह दावेदारी करने में कोई संकोच नहीं कर रहा है। इसी चक्कर में अब भाजपाई दावेदारों की संख्या 30 से अधिक हो गयी है। इस अंधी दौड़ को देखकर आलाकमान हतप्रभ है। इस संकट से निपटारे के लिए भाजपा के 25 वें प्रभारी व चुनाव तारणहार श्री 1008 ओ. पी. माथुर ने खुली नीलामी के माध्यम से प्रत्याशी चयन का अद्भुत फैसला कर दिया है।
रायपुर के एकात्म परिसर में एक प्रेस में इस निर्णय की घोषणा करते हुये माथुर ने स्पष्ट किया कि कितनी भी सिद्धांत की बातें की जाये लेकिन चुनाव में पैसे के महत्व से इंकार नहीं किया जा सकता है। रायगढ़ विधानसभा में योग्य भाजपा प्रत्याशी का सर्वथा अभाव है तथा केवल पैसों के दम पर दावेदारी करने वालों की लंबी कतार है। अत: काफी सोच-विचार के बाद यह फैसला किया गया है कि रायगढ़ में जो दावेदार सबसे बड़ी बोली लगायेगा उसे ही पार्टी अपना प्रत्याशी बनायेगी। अगर चुनाव जीत गया तो उसकी किस्मत है अन्यथा पार्टी फण्ड में बढ़ौतरी तो हो ही जायेगी।
बोली के नियमों की जानकारी देते हुये उन्होंने बतलाया कि नीलामी में भाग लेने के लिए दावेदारों को अमानत राशि के रूप में 50 लाख रुपये जमा करना होगा जो कि नॉन रिफण्डेबल होगा। ऑफसेट प्राइस दो करोड़ रुपये होने की जानकारी भी उन्होंने दी। उक्त घोषणा के बाद विलिस गुप्ता, ब्रजेश गुप्ता, गोपिका गुप्ता, सहित दो दर्जन उम्मीदवारों ने अपने कदम वापस खींच लिये हैं। जबकि विजय अग्रवाल, उमेश अग्रवाल, गुरूपाल भल्ला और रत्थू गुप्ता सहित कई धनोन्मादी नेता अभी भी रेस में बने हुये हैं। इनके बीच कांटे का संघर्ष होने की संभावना जताई जा रही है। (हो. स.)
