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यकीनन – रायगढ़ में भी एक देवता रहता है !

इंसान के पास पैसा और पॉवर आता है तो उसका घमंड सर चढ़कर बोलता है। धनवान और पॉवरफूल होने के बाद ज्यादातर लोग केवल व्यापारी बन जाते हैं और निजी लाभ के लिए ही सोचते हैं। इंसानियत, मानवता और सहायता ये तीनों शब्द उसके डिक्शनरी में केवल व्यापार बन जाते हैं। लेकिन इस दुनियां में कुछ विरले लोग ऐसे भी हैं जो पॉवरफुल और धनवान होने के साथ-साथ दिलदार और मानवीय संवेदनाओं से ओत-प्रोत भी होते हैं, जिनके लिये इंसानियत और मानव धर्म सर्वोपरि होता है। आज के समय में यदि कोई व्यक्ति अपना जीवन, अपना ज्ञान और अपना समय मानव सेवा में समर्पित कर दें तो उसे ईश्वर का रूप या देवता कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी। हमारे जिले के चिकित्सा जगत में एक ऐसे व्यक्तित्व को हम सभी जानते हैं जिनकी जरूरत सदा हमें पड़ती है। नाम सुनते ही विश्वास आ जाता है, लोगों की उम्मीदें बढ़ जाती है और उनका चेहरा आंखों के सामने आ जाता है और उन्हें लोग अपने दिल में बसाकर देवतुल्य मानते हैं।

जी हां हम बात कर रहे हैं डॉ. रुपेंद्र पटेल जी की… चिकित्सा जगत में विश्वास का पर्याय बन चुके डॉ. रुपेंद्र पटेल आज लोगों की सबसे बड़ी उम्मीदों में से एक हैं। लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने में डॉ. रूपेंद्र पटेल की मेहनत किसी से नहीं छिपी है। दिन हो या रात, समय कोई भी हो डॉक्टर साहब के दरवाजे पर जो भी मरीज आया खाली हाथ वापस नहीं गया। रात को 2 बजे भी आप उनके पास पहुंच जाएं तो सर घर के बाहर आते हैं और परिवार को हिम्मत-हौसला देते हुए मरीज का इलाज करते हैं। ये चक्र पिछले कई दशकों से चल रहा है। बरसों हो गए डॉक्टर साहब बिना थके बिना रुके बिना किसी सिकन के आज भी अनवरत मानवीय सेवा भाव को प्राथमिकता देते हैं। डॉ. रूपेंद्र पटेल ने अब तक हजारों लोगों को जीवनदान दिया है।

जरा सोचिए कितने साल हो गए डॉक्टर साहब को लोगों की सेवा करते हुए? क्या आपने कहीं उनका बड़ा शौक देखा है? क्या आपने कभी उनको टिपटॉप में देखा है? अगर देखा भी होगा तो कभी-कभार किसी परिवारिक कार्यक्रम या कोई विशेष कार्यक्रम में ही देखा होगा। वरना ज्यादतर कहे या दिन भर अशर्फी देवी चिकित्सालय में डॉक्टरी लिबास में ही देखा होगा। वर्षों सेवा करने के बाद एक समय होता है कि लोग अपने परिवार को समय देते हैं और घर पर आराम करते हैं लेकिन डॉक्टर साहब आज भी मरीजों की सेवा में अपना समय दान करते हुए इसी कर्म को अपना आराम समझते हैं। इंसान की सोच और कर्म ही उसके नाम को दुनियां में मिसाल के रूप प्रस्तुत करती है। डॉक्टर रूपेंद्र पटेल अपना मानव धर्म बिना थके निभा रहे है और यही वजह है लोग इन्हें अपना मसीहा मानते हैं। वे कईयों के लिए भगवान हैं तो कईयों के लिए उससे भी परे….या सब कुछ !

डॉ. रुपेंद्र पटेल ने आने वाले पीढ़ी को भी अपने जैसा ही एक सेवा करने वाला योग्य पुत्र दिया है जो उनके जैसा काबिल, व्यवहारिक और समान सोच के साथ मानव धर्म को सर्वोपरि समझता है। जी हम बात कर रहें हैं डॉक्टर अजीत पटेल की… डॉ. रुपेंद्र पटेल ने चिकित्सा जगत को मानव सेवा का रास्ता चुना तो वहीं उन्होंने अपने पुत्र को भी मानवीय संवेदनाओं की परख समझाई और उन्हें भी चिकित्सा क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर काबिल बनाया ताकि बड़ा होकर वो भी उनके जैसे मानवीय सेवा को प्राथमिकता दें।

पिता के सपनों को पुत्र अजीत पटेल ने पूरा किया और काबिल चिकित्सक बने। डॉ. रुपेंद्र पटेल ने अपने पुत्र को मानव सेवा में समर्पित करते हुए जिले को एक अनमोल उपहार दिया है और इस प्रकार रायगढ़ जिले को डॉ. रूपेंद्र पटेल के अंश के रूप में एक और काबिल चिकित्सक डॉ. अजीत पटेल मिल गये। आज रायगढ़ के मसीहा डॉ. रूपेंद्र पटेल जी का जन्मदिन है। इस अवसर पर ईश्वर से कामना है कि डॉक्टर साहब के प्रत्येक मनोकामना को पूर्ण करें उन्हें सदा स्वस्थ रखें : केलो प्रवाह की ओर से आपको जन्मदिन मुबारक हो सर..💐💐

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