रायगढ़। धरमजयगढ़ विधायक लालजीत सिंह राठिया के गृहग्राम स्थित घर की बाड़ी में अमरूद खाने की लालच में आधी रात को पहुंचे एक जंगली भालू की कुएं में गिरने से मौत होने का प्रकाश में आया है। रीछराज के कुएं में समाने की भनक विधायक परिवार तक को नहीं थी। सुबह वन विभाग ने रेस्क्यू कर पानी में तैर रही भालू की लाश को बाहर निकाला। यह मामला धरमजयगढ़ वनमंडल के छाल रेंज की है।
जिले के जंगलों में इन दिनों जंगली जानवरों की मौत का सिलसिला जारी है। इसी तारतम्य में अब छाल रेंज के ग्राम वृंदावन स्थित धरमजयगढ़ विधायक लालजीत सिंह राठिया के आंगन में कुएं में एक भालू की तैरती लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। बताया जाता है कि जंगल से खाने-पीने की तलाश में निकला एक भालू आधी रात को विधायक निवास के आंगन में मौजूद अमरूद पेड़ में लटक रहे फल को खाने के चक्कर में आया था और कुएं में गिरकर मौत का शिकार हो गया।
विभागीय सूत्रों की मानें तो जंगली भालू रविवार और सोमवार की दरमियानी रात तकरीबन 3 से 4 बजे के बीच आया था और कुएं में गिरने से लगभग 4 से 5 घंटे तक पानी में ही तैरता रहा। किसी को भी इसकी जानकारी नहीं होने से वह सुबह 7 बजे तक जिंदा रहा परंतु वन विभाग की टीम के आने से पूर्व उसकी मौत हो गई। जनचर्चा है कि भालू के गिरने की जानकारी मिलने के बाद भी वन विभाग के कारिदें समय पर नहीं पहुंच सके, इसलिए वन्यप्राणी को अपनी जान गंवानी पड़ गई। और तो और इससे मामले में वन विभाग पर भी लापरवाही का भी आरोप लगाया जा रहा है। सूत्रों की माने तो भालू के गिरने की भनक वहां के बीट गार्ड तक को नहीं लगी।
दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि कुएं में भालू के गिरने की खबर पाते ही हरकत में आए वनकर्मी मौके पर गए और रस्सी डालते हुए रेस्क्यू शुरू किया, मगर आशानुरूप कामयाबी नहीं मिली। काफी मेहनत मशक्कत के बाद रस्सी से जब भालू को ऊपर खींचा जा रहा था तो एसडीओ ने कथित तौर पर भालू आया कहते हुए शोर मचाया तो रस्सी की पकड़ ढीली पड़ते ही रीछराज कुएं में दुबारा जा गिरा। इसके बाद ले देकर भालू को कुएं से बाहर निकाला गया, तो वह निर्जीव मिला। फिलहाल, वन अमला अब आगे की कानूनी कार्रवाई में जुटा है।
क्या कहती हैं डीएफओ
विधायक निवास के कुएं में भालू की मौत महज एक हादसा है। इसमें किसी की भी लापरवाही सामने नही आई है। फारेस्ट टीम को जब घटना की सूचना लगी तो कर्मचारी रेस्क्यू करने भी पहुंचे, मगर भालू की मौत हो चूकी थी।
– स्टाईलो मंडावी
वनमण्डल अधिकारी, रायगढ़
