रायगढ़। किसान पंजीयन में गड़बड़ी के कारण इस बार जिले में छह हजार हेक्टेयर रकबा बढ़ गया था। इसके भौतिक सत्यापनके आदेश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि कई समितियों में रकबा कटौती कर दी गई है। मिली जानकारी के मुताबिक कई समितियों में बोगस रकबा की एंट्री की गई थी। इस बार किसान पंजीयन के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। किसानों की संख्या और रकबे में भारी वृद्धि हुई है। सात ब्लॉकों में 4800 नए किसान और 5962 हेक्टेयर रकबा बढ़ गया है। धरमजयगढ़ में 2857 हे., लैलूंगा में 1068 हे., घरघोड़ा में 1099 हे., खरसिया में 386 हे., रायगढ़ 387 हे., और पुसौर में 368 हे. रकबा बढ़ा है। तमनार में आठ समितियों में 566 हे. रकबा बढ़ा लेकिन एक समिति खम्हरिया में 771 हे. घट गया।
यह बहुत हैरान करने वाले आंकड़े हैं। यह कैसे संभव है कि किसी समिति में 400 हे. रकबा बढ़ जाए। जिला प्रशासन ने राजस्व् विभाग को रकबा सत्यापन करने का आदेश दिया था। एकीकृत किसान पोर्टल में गड़बड़ी के कारण भी रकबे में वृद्धि हुई है। सूत्रों के मुताबिक इसी गफलत का फायदा उठाते हुए समिति प्रबंधकों ने फर्जी रकबे की एंट्री कर ली। इसी में धान खरीदी करने की तैयारी है। लैलूंगा की समितियों में फिर से गड़बड़ी करने की गुंजाइश बन गई है। सत्यापन में कई समितियों का रकबा काटे जाने की जानकारी मिल रही है। धान खरीदी आधी होने के बाद ऐसी कार्रवाई की जा रही है।
दोहरा लाभ ले रहे कई किसान
जिले में एक और घोटाला आकार ले रहा है। बीज निगम और सहकारी समितियों दोनों जगहों पर धान बेचकर लाभ उठाने के लिए भी कई किसानों ने तैयारी कर ली है। जिले के कई बीज प्रक्रिया केंद्रों में ऐसा होने की जानकारी सामने आई है। इसकी जांच होगी तो कई किसानों की धोखाधड़ी सामने आएगी।
