काफी समय से महंगाई झेल रही जनता को सरकार राहत देने की पहल शुरू कर दी है। हालांकि विपक्षी दलों का कहना है कि यह चुनावी पहल है, क्योंकि अगले कुछ महीनों में कई राज्यों में विधानसभा और फिर लोकसभा का चुनाव होने जा रहे हैं। वजह कुछ भी हो, लेकिन बढ़ती कीमतों से त्रस्त जनता को इससे काफी राहत मिलेगी। कुछ दिन पहले ही टमाटर के रेट काफी ज्यादा हो गये थे और दो सौ से तीन सौ रुपये प्रति किलो तक बेचे जा रहे थे। उसकी कीमतें अब सामान्य हो गई हैं। बाजार में टमाटर 40 से 50 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है। हाल ही में सरकार ने घरेलू एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों में 200 रुपये की कमी की है। उम्मीद की जा रही है कि सरकार अब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी कमी करेगी।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक एक इंटरव्यू में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संकेत दिया है कि सरकार जल्द ही इस पर कुछ सकारात्मक फैसला लेगी। उन्होंने कहा, ‘यूपीए शासन में तत्कालीन सरकार ईंधन की कीमतों को नियंत्रित नहीं कर सकी तो उस समय के पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने 1 सितंबर 2013 को सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक पेट्रोल पंप बंद करने के प्रस्ताव पर विचार करने की बात कही थी! इसके साथ ही शुतुरमुर्ग के सिर दफनाने की तरह उनके आर्थिक जादूगर ने अर्थव्यवस्था पर ₹1,41,000 करोड़ के तेल बांड का बोझ डाल दिया था। उनकी गलती की सजा मोदी सरकार को भुगतना पड़ रहा है और 3,20,000 करोड़ रुपये जमा करना पड़ रहे हैं!’





उन्होंने कहा, ‘अब भी, जब उन्हें लोगों को राहत देने के लिए अपने शासन वाले राज्यों में ईंधन पर वैट कम करना चाहिए तो वे केवल ध्यान भटकाने और विरोध करने के काम में जुटे हैं; लेकिन वे भाजपा के शासन वाले राज्यों से कहीं ज्यादा दाम पर पेट्रोल-डीजल बेच रहे हैं!’ ब्लूमबर्ग ने भी रसोई गैस की कीमतों में कमी के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमत घटाए जाने की संभावना जताई है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक महंगाई दर कम करने के लिए सरकार अगले कुछ दिनों में कई कदम उठा सकती है।
