जैजैपुर-बाराद्वार। ग्राम पंचायत डूमरपारा के सरपंच के खिलाफ पंचों द्वारा 9 कंडिका में लिखित शिकायत की गई थी। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जिम्मेदार अधिकारी ने जांच कराई। जांच कार्यवाही में लगे तहसीलदार द्वारा प्रतिवेदन में सरपंच के खिलाफ करीब 10,83,000 रुपए की फर्जी बिल लगाकर गबन प्रतीत पाया गया है। मामले की जांच 13 मई को पूर्ण हो गई है। जांच होने के 07 महीने बाद भी उक्त दोषी सरपंच के सामने प्रशासन का नतमस्तक रव्वैया समझ से परे है। कानून की साख बचाए रखने और आम जनमानस में कानून के प्रति भरोसा को प्रबल करने इस तरह के दोषियों पर सख्त कार्यवाही की जरूरत है। अब देखना यह है कि कानून के रक्षक कब और क्या कार्यवाही करते हैं।
