रायगढ़। पावर प्लांटों के शॉपिंग में व्यस्त अडाणी पावर को जोरदार झटका लगा है। डीबी पावर को अधिग्रहित करने की उसकी मंशा पूरी नहीं हो सकी है। अंतिम डेडलाइन क्रॉस होने के बाद डील को रद्द कर दिया गया है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडाणी ग्रुप नुकसान झेल रहा है।
एक महीने पहले तक अडाणी ग्रुप देश में सबसे ज्यादा पावर प्लांट खरीदने और कोयला खदानों के एमडीओ हासिल करने वाली कंपनी थी। अचानक से हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने कंपनी की साख को नुकसान पहुंचाया है। इस रिपोर्ट का असर अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों के अलावा दूसरे समझौतों पर पड़ रहा है। अडाणी पावर ने जांजगीर-चांपा के डीबी पावर प्लांट को अधिग्रहित करने प्रक्रिया पूरी कर ली थी। 1200 मेगावाट प्लांट को अधिग्रहित करने अडाणी पावर ने 7017 करोड़ का प्रस्ताव दिया था।
अगस्त 2022 को डील पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके बाद एमओयू साइन करने और लेन-देन पूरा करने के लिए 31 अक्टूबर 2022 तक की मोहलत दी गई। फिर इसे बढ़ाकर 30 नवंबर किया गया और बाद में 31 दिसंबर तक डेट बढ़ा दी। तब तक भी डील पूरी नहीं हुई तो पहले 15 जनवरी 2023 और फिर बाद में 15 फरवरी तक मियाद बढ़ाई गई। मंगलवार तक इस डील को पूरा करने का समय था जो पार हो चुका है। अडाणी पावर ने बीएसई और एनएसई को सौदा रद्द होने की जानकारी दी है।
आधे हो गए हैं शेयरों के दाम
अडाणी ग्रुप की कंपनियों की हालत पतली हो गई है। अडाणी पावर का शेयर एक महीने में 281 रुपए से गिरकर 147 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं अडाणी इंटरप्राइजेस के शेयर एक माह में 3639 रुपए से 1796 रुपए पर पहुंच गए हैं। रायगढ़ जिले में अडाणी ग्रुप ने बहुत ज्यादा निवेश किया है। पावर प्लांट के अलावा कोल ब्लॉक के एमडीओ भी कंपनी के हाथ में हैं। एसकेएस के लिए भी कंपनी ने बोली लगाई थी।
