रायगढ़। खेलों को लेकर छग में दोहरा बर्ताव कायम है। खेल के संसाधनों का विकास करने में पिछड़ने की एक वजह सरकारी सिस्टम है। अब तो ठेकेदार ही पलीता लगाने में जुटे हैं। खेल मंत्री ने डिग्री कॉलेज में स्तरीय बास्केटबॉल ग्राउंड बनाने राशि स्वीकृत की थी लेकिन ठेकेदार ने केवल प्राइमर मारकर काम अधूरा छोड़ दिया है। किसी भी खेल में खिलाड़ी तभी उभरकर आते हैं जब उन्हें संसाधन भी उस स्तर के मिलते हैं। बिना मैदान के अच्छे खिलाड़ी तैयार करने का मंसूबा धरा का धरा रह जाता है। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल रायगढ़ जिले से ही हैं, बावजूद इसके जिले में खेलों के संसाधन नाकाफी हैं। जो काम स्वीकृत हुए भी तो समय पर पूरे नहीं होते।
विभाग ने डिग्री कॉलेज रायगढ़ में बास्केटबॉल ग्राउंड की मरम्मत और नवीनीकरण के लिए 27.49 लाख रुपए मंजूर किए थे। 19 अगस्त 2021 को मंजूरी दी गई थी। इसमें से 13,29,800 रुपए से बास्केटबॉल ग्राउंड का निर्माण होना था और 14,19,200 रुपए से दो नग मूवेबल पोल व सिंथेटिक फ्लोरिंग का काम होना था। इसका ठेका वैभव जायसवाल को मिला है। मंजूरी मिले 15 महीने बीत चुके हैं लेकिन अब तक ग्राउंड तैयार नहीं हो सका है। बास्केटबॉल के खिलाडिय़ों के लिए अच्छा ग्राउंड ही नहीं है। पहले भी इसका निर्माण डामर रोड की तरह किया गया था जिसके ऊपर प्राइमर डाला गया था। तब गर्मी के कारण प्राइमर उखड़ गया था। इसके बाद वहां सीसी रोड की तरह कांक्रीटीकरण कर प्राइमर डाला गया है। इसके बाद कोई काम नहीं हुआ।
गुणवत्ता को लेकर उठे सवाल
ठेकेदार ने केवल प्राइमर डालकर काम रोक दिया है। चारों ओर पेव्हर ब्लॉक बिछाए गए हैं लेकिन यह ग्राउंड से नीचे है। इस तरह से ग्राउंड की सतह असमान हो गई है। अभी भी बहुत काम बाकी है। ग्राउंड को चारों ओर से लोहे की जाली से घेरा गया है जिसकी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
