रायगढ़। एक साल पहले डेंजर घोषित की जा चुकी केजीएच बिल्डिंग के नवनिर्माण की राह अब तक आसान नहीं हो सकी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से पूर्व में अस्पताल के निर्माण के लिए बनाये गए प्रपोजल व आंकलन को संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ने रिजेक्ट कर दिया है। ऐसे में अब नये सिरे से इसके लिए प्रस्ताव बनाया जा रहा है। अब इसकी स्वीकृति और फंड मिलने के बाद ही जिला अस्पताल के लिए नई बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा।
वार्डों में दरकती दीवारें और रह-रह कर गिरते छज्जों के प्लास्टर खुद बयां करते हैं कि जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल केजीएच के बिल्डिंग की हालत कितनी जर्जर हो चुकी है। कई बार यहां छज्जों के प्लास्टर गिरने की घटनायें हो चुकी हैं और कई लोग घायल भी हो चुके हैं। कलेक्टर के निर्देश के बाद पीडब्ल्यूडी भी इस बिल्डिंग का पूरा सर्वे कर चुकी है और इसे मरीजों के उपचार के लिए डेंजर बना चुकी है। सालभर पहले ही पीडब्ल्यूडी केजीएच बिल्डिंग को अति जर्जर करार देते हुए अपनी रिपोर्ट दे चुकी है।
ऐसे में शासन से नये भवन निर्माण के लिए स्वीकृति की मांग की गई थी। केजीएच की बिल्डिंग को गिरा कर नया निर्माण किया जाना है। शुरूआती दौर में इसके लिए शासन से ४० करोड़ रुपये मिलने की बात कही जा रही थी मगर अब तक इसके लिए फंड नहीं मिल सका है और आज भी केजीएच जर्जर कमरों में संचालित हो रही है जहां हर समय मरीजों व स्टाफ पर हादसा का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि समय गुजरने के साथ ही बिल्डिंग और भी डेंजर होते जा रही है। दीवारें व छज्जे जर्जर होते जा रहे हैं और खतरा बढ़ता जा रहा है। केजीएच के नई बिल्डिंग का निर्माण सीजी सीजीएमएससी के द्वारा किया जाना है मगर निर्माण कार्य तक तक शुरू नहीं हो सकता जब तक शासन से प्रस्ताव व आंकलन पर स्वीकृति की मुहर नहीं लग जाती और फंड नहीं मिल जाता।
४० करोड़ का बनाया गया था प्रपोजल
स्वास्थ्य विभाग की मानेें तो पूर्व में केजीएच की बिल्डिंग को डिस्मेंटल कर नवनिर्माण करने के लिए सीजीएमएससी से प्रपोजल व आंकलन तैयार कर संचालक स्वास्थ्य सेवाएं को प्रस्तुत किया गया था। इसमें प्रथम तल की स्वीकृति के लिए अनुमानित लागत ४० करोड़ खर्च प्रस्तुत किया गया था मगर संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ने उसे रिजेक्ट कर दिया और दोबारा प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये।
नक्शा पास होने के बाद फंड की स्वीकृत
अधिकारियों की मानें तो संचालक स्वास्थ्य सेवाएं के निर्देशानुसार कलेक्टर से बातचीत कर अब नया प्रस्ताव बनाया जा रहा है जिसे सीजीएमएससी के अभिमत के साथ पुन: संचनालय स्वास्थ्य को भेजा जायेगा। चूंकि अभी इस नये बिल्डिंग का नक्शा भी पास नहीं हो सका है। इस लिए फंड की स्वीकृति भी नहीं मिल पा रही है।
पुराना होगा डिस्मेंटल, नये का मरम्मत
यहां यह बताना जरूरी होगा कि केजीएच के पुराने बिल्डिंग को ही डिस्मेंटल किये जाने का काम किया जायेगा और वहां नयी बिल्डिंग का निर्माण होगा जबकि सामने वाले हिस्से अर्थात नये बिल्डिंग में सिर्फ मरम्मत का ही काम किया जायेगा। इसके लिए २ करोड़ की स्वीकृति मिल चुकी है मगर जब तक नये भवन का निर्माण नहीं किया जायेगा, पुराने में मरम्मत का काम भी नहीं हो सकेगा।
