रायगढ़, 12 मार्च। रायगढ़ जिले में सडक़ों की हालत खराब है। इसकी वजह सरकारी सिस्टम भी है जो मंजूरी देने में देरी कर रहा है। हैरानी की बात है कि बीते दो सालों के 80 से ज्यादा ऐसे काम हैं जिन्हें मंजूरी ही नहीं दी गई। दो साल तक पेंडिंग रहने के बाद अब ये सभी काम लैप्स हो गए हैं। रायगढ़ जिले में सडक़ों की खराब हालत किसी से छिपी नहीं है। हाईवे के साथ ग्रामीण सड़कें भी जर्जर हो चुकी हैं। सारी वस्तुस्थिति जानने के बाद भी दो साल तक सडक़ों के प्रस्ताव लटके रह जाते हैं। लोक निर्माण विभाग ने रायगढ़ जिले के लिए 21-22 और 22-23 में कई कामों का प्रपोजल भेजा था। दो सालों तक प्रस्ताव फाइलों में ही पड़े रहे। दो साल तक पेंडिंग रहने के बाद सारे काम लैप्स हो गए हैं। कोई भी काम दो साल तक लंबित सूची में रहता है। इसके बाद मंजूरी नहीं मिलने पर स्वत: ही हट जाता है।
21-22 में 28 काम थे जिसके लिए 27.21 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान रखा गया था। इसी तरह 22-23 में बजट में 54 कार्य सम्मिलित किए गए थे। दो सालों से इन कामों की फाइल आगे बड़ी ही नहीं। पीडब्ल्यूडी मुख्यालय में इन कामों की फाइल पर साइन ही नहीं किए गए। फंड की कमी के कारण भी काम अटक गए। 23-24 के लिए बजट प्रावधानों से इन सडक़ों की सूची गायब हो गई। जितने काम लैप्स हुए हैं, उनमें ज्यादातर खरसिया विधानसभा के हैं। लोक निर्माण विभाग ने विधानसभावार कामों की लिस्ट बनाकर मंजूरी के लिए भेजा था। 22-23 में 45 काम खरसिया विधानसभा के थे जबकि 21-22 में 7 काम थे। इसके अलावा रायगढ़, धरमजयगढ़ और लैलूंगा विधानसभा के काम थे। इन कामों को मंजूरी नहीं दी गई।
