रायगढ़, 11 मार्च। छग शासन ने वर्ष 23-24 के बजट में रायगढ़ जिले के कई कामों को प्राथमिकता में रखा है। पीडब्ल्यूडी की 50 सडक़ों को बजट में शामिल किया जा चुका है। अब इनको अंतिम मंजूरी और प्रशासकीय स्वीकृति की प्रक्रिया प्रारंभ की जानी है। छग शासन ने वर्ष 23-24 को सडक़ों के लिहाज से बेहद अहम माना है। अधोसंरचना विकास के लिए काम करने पर फोकस हो रहा है। इसके लिए प्राथमिकता सूची में सडक़ों को शीर्ष पर रखा गया है। बजट में सभी जिलों से मिले प्रस्तावों को शामिल किया गया है। लोक निर्माण विभाग को इस साल सबसे ज्यादा काम मिले हैं। रायगढ़ जिले में 50 सडक़ों को बजट में शामिल किया गया है।
पुरानी मंजूर सडक़ों पर काम जारी है और अब इस साल 50 नई सडक़ों का काम भी प्रारंभ होने की उम्मीद है। इसमें उर्दना से कृष्णापुर-खैरपुर साढ़े तीन किमी, कोंड़ातराई से पुसौर होकर सूरजगढ़ रोड 8.30 किमी का उन्नयन, रायगढ़ से जामगांव, एकताल से बड़े अतरमुड़ा, जामगांव रेलवे क्रॉसिंग से मानकेसरी मंदिर रोड, विजयपुर से महापल्ली, कुडुमकेला से पुरी रोड, तमनार उरबा होकर लैलूंगा रोड निर्माण आदि सडक़ें शामिल की गई हैं। शासन ने पीडब्ल्यूडी से सडक़ों के प्रस्ताव मंगवाए थे। इन्हें बजट में शामिल कर पहली मंजूरी तो दी गर्ई है। अब आगे की प्रक्रिया होनी है।
नहीं मिलती प्रशासकीय स्वीकृति
बीते दो-तीन सालों में सडक़ों को लेकर सबसे ज्यादा समस्याएं हैं। शासन स्तर पर प्रक्रिया लटकने के कारण समय पर मंजूरी और राशि आवंटन नहीं हो पाता है। अक्सर देखा गया है कि बजट में शामिल कामों को भी मंजूरी नहीं मिलती। प्रशासकीय स्वीकृति और तकनीकी स्वीकृति के अभाव में पीडब्ल्यूडी काम ही प्रारंभ नहीं कर पाती। सडक़ों की हालत बदतर होती जाती है। मंत्रालय स्तर पर मंजूरी देने में बहुत लेटलतीफी की जाती है।
क्या कहते हैं खाम्बरा
इस साल के बजट में रायगढ़ जिले से करीब 50 महत्वपूर्ण सडक़ों को मंजूरी दी गई है। अब आगे की प्रक्रिया पूरी की जानी है : आरके खाम्बरा, ईई, पीडब्ल्यूडी
