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Raigarh News : इंटरस्टेट ऑनलाइन ठग गिरोह के मास्टरमाइंड समेत 5 मुल्जिम गिरफ्तार

बुलेट गाड़ी, टैबलेट, 7 मोबाइल फोन जब्त, पुलिस ने आरोपियों का बैंक एकाउंट कराया होल्ड

रायगढ़। अंतरराज्यीय ठग गिरोह के 22 युवक-युवतियों को पकडऩे के बाद रायगढ़ पुलिस ने फिर अहम कामयाबी हासिल की है। कोलकाता के अवैध कॉल सेंटर के मास्टरमाइंड और उसकी बीवी सहित 5 जालसाजों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। देश के कई प्रान्तों में करोड़ों की सायबर ठगी की घटना को अंजाम देने वाले शातिरों के कब्जे से बुलेट गाड़ी, टैबलेट, 7 मोबाइल फोन बरामद करने वाली पुलिस ने उनका बैंक एकाउंट भी होल्ड कराया है।

पुलिस कंट्रोल रूम में बुधवार दोपहर प्रेसवार्ता में एसपी अभिषेक मीणा ने खुलासा किया कि विगत डेढ़ माह से पुसौर और सायबर सेल की टीम इन आरोपियों की पतासाजी में जुटी हुई थी। रायगढ़ पुलिस की सक्रियता को जानकर आरोपीगण अपने गृहग्राम बिहार और पश्चिम बंगाल के ठिकाने से फरार होकर लुक छिप रहे थे। पुलिस टीम उन तक ना पहुंचे इसलिए बड़ी चालाकी से शातिर आरोपीगण अपना यूज मोबाईल और सिम लगातार बदल रहे थे और ज्यादातर मोबाईल बंद कर रखा करते थे। रायगढ़ पुलिस के दबाव को देखकर लुक छिप रहे आरोपीगण अंतत: फिर पश्चिम बंगाल आये जिन्हें दमदम इलाके में देखे जाने की सूचना रायगढ़ पुलिस को मिलने पर तत्काल पुलिस अधीक्षकं अभिषेक मीणा द्वारा सीएसपी रायगढ़ अभिषेक उपाध्याय तथा थाना प्रभारी पुसौर निरीक्षक सीताराम ध्रुव के नेतृत्व में साइबर सेल और पुसौर थाने की संयुक्त टीम का गठन कर कोलकाता आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए रवाना किया गया। सीएसपी अभिनव उपाध्याय के नेतृत्व में रिकॉर्ड एक ही दिन में पुलिस टीम द्वारा मुख्य आरोपी वरुण सिंह के भाई रजनीश सिंह उर्फ गोरख और उसकी पत्नी मधु उर्फ गोली सिंह को हिरासत में लेने में सफल हुई किंतु वरुण सिंह और उसकी पत्नी सलोनी सिंह फरार थे और उनका मोबाइल स्विच ऑफ था। अंतिम बार जिस मोहल्ले में उन्हें देखा गया थाए वह काफी बड़ा एरिया होने से पुलिस टीम को आरोपियों की पतासाजी में परेशानी हो रही थी।

इस केस में पूर्व से संलग्न सीएसपी अभिनव उपाध्याय उनके ठगी के तरीके और उनकी गतिविधियों से भलीभांति परिचित थे। आरोपियों के वृंदावन मंदिर जाने की जानकारी सीएसपी अभिनव को थी जिसे लेकर सीएसपी रायगढ़ के साथ पुलिस टीम उस क्षेत्र के एक-एक कर सत्संग भवन, धर्मशाला और मंदिरों को चेक किए । इस दौरान एक मंदिर का कपाट बंद दिखा पुलिस संदेह हुआ और पूरी टीम गोपनियता बरतते हुए मंदिर के पुजारी को अपने विश्वास में लेकर पूछताछ किया गयाए आरोपियों के परिसर के एक कमरे में छिपे होने की जानकारी पर टीम घेराबंदी कर उन्हें हिरासत में लिया गया। पूछताछ में वरूण सिंह अपने परिवारजनों के साथ कॉल सेंटर में काम करने वाली युवती आसीमा रॉय को भी बड़ी जिम्मेदारी दिया था। आरोपी वरूण सिंह से मिली जानकारी पर पुलिस की एक टीम द्वारा दफ्ताबाद (कोलकाता) क्षेत्र से आरोपिया आसीमा रॉय को हिरासत में ली। पांचों आरोपियों को पुलिस टीम रायगढ़ लाकर थाना पुसौर के धारा 420, 120 बी, 34 आईपीसी 66 (डी) आईटी एक्ट के मामले में गिरफ्तार कर जेएमएफसी रायगढ़ के न्यायालय में पेश कर आरोपियों का 7 दिन का पुलिस रिमांड लिया गया है।

कॉल सेंटर का मुख्य संचालक और ठगी का मास्टर माइंड आरोपी वरुण सिंह काफी पढ़ा-लिखा होने के साथ पेशे से एक ग्राफिक डिजाईनर है जिसके लिए फर्जी सर्टिफिकेट डिजाईन करना और उसके जरिए लोगों को धोखा देना बड़ा आसान काम था। आरोपी वरूण सिंह पूर्व में भी इस तरह के ठगी के कई कंपनियों में काम कर चुका था जहां भी उसके फ्रॉड उजागर होने पर स्थानीय पुलिस उस पर कार्यवाही की थी जिसके बाद वह दमदम (कोलकाता) इलाके में अपना स्वयं का कॉल सेंटर बनाया जिसमें उसकी पत्नी सलोनी सिंह, उसका भाई रजनीश सिंह, रजनीश की पत्नी मधु सिंह और आसीमा राय को अलग-अलग कार्यों की जिम्मेदारी दिया गया था। सभी स्थानीय युवक-युवतियों को कॉल सेंटर के जरिए देश के विभिन्न स्थानों में व्यक्तियों को कॉल कर टावर लगाने के नाम पर ठगी करने की योजना बताकर ठगा करते थे। कई राज्यों में लोग इनके के शिकार हुये हैं, अब तक दर्जनों एफआईआई संचालक वरूण सिंह व अन्य पर दर्ज होने की जानकारी प्राप्त हुई है तथा उनकी 10 करोड़ से अधिक रकम यह ठग गिरोह ठगी के जरिये प्राप्त कर चुका है।

आरोपी वरुण सिंह अपने नाम के बैंक खातों में रूपये नहीं रखता था। उसने कॉल सेंटर में काम करने वाली आसीमा राय के नाम से बैंक खाता खुलवा कर ठगी के रकम उस खाते में प्राप्त करता था और बड़ी चालाकी से रुपए निकाल लेता था । आरोपिया आसीमा रॉय भी इस खाते का प्रयोग कर रुपए निकाला करती थी। आरोपी ठगी से प्राप्त रकम से दमदम सुभाष नगर कोलकाता में 14 लाख फ्लैट लेने तथा अपने पिता के नाम पर गांव में 7 बीघा जमीन 7 लाख रूपये में जमीन खरीदना और 8 लाख रूपये में हनुमान मंदिर बनाये जाने तथा अपने स्टाफ को थाईलैंड टूर कराने में करीब 10 लाख खर्च करने सहित अन्य चल-अचल सम्पत्ति खरीदी की जानकारी प्राप्त हुई है।

पुलिस टीम आरोपी वरुण सिंह से एक लाल रंग का बुलेट दुपहिया वाहन, 1 टेबलेट और 3 मोबाइल, उसकी पत्नी सलोनी सिंह से 1 मोबाइल, उसके भाई रजनीश से 1 मोबाइल, रजनीश की पत्नी से1 मोबाइल और आसीमा रॉय से 1 मोबाइल जप्त किया गया है। आरोपियों के बैंक खातों की जानकारी पर आरोपिया सलोनी प्रिया के बैंक खाते में 80,000 होने की जानकारी मिली है। पुलिस टीम वरुण सिंह के टेबलेट तथा आरोपियों के मोबाइल चेक किया जा रहा है। पूर्व में गिरफ्तार 22 आरोपियों के अब तक किसी का भी जमानत नहीं हुआ है। आरोपियों की पतासाजी, गिरफ्तारी में सीएसपी रायगढ़ अभिनव उपाध्याय, थाना प्रभारी पुसौर निरीक्षक सीताराम ध्रुव, सहायक उपनिरीक्षक उमाशंकर विश्वाल, कोशो सिंह जगत मनमोहन बैरागी, कुसुम केवत्र्र्य, प्रधान आरक्षक अरुणा चौरसिया, आरक्षक दिनेश सिदार, ओशनिक विश्वाल, 8 वीं वाहिनी छस बल के आरक्षक सुदर्शन पांडे, आरक्षक दिनेश राजपूत और साइबर सेल के आरक्षक प्रशांत पंडा, प्रताप बेहरा की अहम भूमिका रही है।

गिरफ्तार आरोपी
सलोनी प्रिया सिंह पति वरूण सिंह उम्र 33 साल, मधु सिंह उर्फ गोली पति रजनीष सिंह उम्र 27 साल, वरूण सिंह पिता मंगल सिंह भूमिहर उम्र 39 साल, रजनीश सिंह उर्फ गोलक उर्फ रजनेश उर्फ गोलू उम्र 32 साल साकिनान मोतिहारी बुकानेकला पूर्वी चंपारण थाना पटाही जिला मोतीहारी बिहार हाल साउथ रविन्द्रोनगर कोलकाता थाना दमदम जिला दमदम (पश्चिम बंगाल) आसीमा राय पिता मोहम्मद मंसूर अली पति उम्र 30 साल साकिन दत्तारोड बागपारा अपोलो हास्पिटल के सामने थाना विधाननगर सीसी ब्लाक जिला नार्थ 24 परगना (पश्चिम बंगाल) है।