रायगढ़। सरकारी जमीन पर कब्जे को रोकने में राजस्व विभाग अब केलो विहार के मामले में भी निशाने पर है। 25 एकड़ आवंटित जमीन के बड़े हिस्से पर एक-दो नहीं बल्कि 43 लोगों ने अवैध कब्जा किया है। इसमें कुछ भूमाफिया हैं तो कुछ सरकारी मुलाजिम। इसकी सूचना केलो विहार समिति ने नजूल विभाग को कई साल पहले दे दी थी, लेकिन अब तक कार्रवाई शून्य है। प्रीमियम निर्धारण को लेकर कोई कार्यवाही नहीं होने से पहले ही केलो विहार कॉलोनी से मिलने वाला राजस्व रुका हुआ है। आवंटित 25 एकड़ जमीन को पूरी तरह कब्जे से मुक्त कराने में भी नाकामी सामने आ रही है। भूतपूर्व कलेक्टर ने शासकीय कर्मचारियों के लिए आवास बनाने 25 एकड़ जमीन सस्ते दरों पर आवंटित की थी। तब से इस भूमि के भूभाटक और प्रीमियम निर्धारण का मामला अटका हुआ है। इस बीच कई लोगों ने मौका देखकर केलो विहार की जमीन पर बेजा कब्जा कर लिया।
केलो विहार शासकीय कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित ने आवंटित भूखंडधारकों के अलावा ऐसे लोगों की सूची बनाई है जिन्होंने जमीनों पर कब्जा कर निर्माण कर लिया है। कुल 43 लोगों ने केलो विहार की जमीन पर अतिक्रमण किया है जिसमें कई अधिकारी भी शामिल हैं। इस बारे में संस्था ने नजूल विभाग को जानकारी भी दी थी। इस पर कोई कार्रवाई ही नहीं की गई। इसका खामियाजा उन कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है जिनको भूखंड आवंटित किया गया था। केलो विहार समिति ने इन लोगों की सूची भी नजूल विभाग को भेजी है। इसमें बहादुर सिंह, बीएल पटेल, गोवर्धन प्रधान, डोकरी प्रसाद गोड़, झामलाल मार्को, जेएल बंजारे, गिरधारी साव, कल्पना बोहिदार, सुषमा पटेल, एएल बरेठ, सुरेश अग्रवाल, संजय यादव, यमुना जायसवाल आदि नाम शामिल हैं।
अपनी जमीन बताकर बनाई दुकानें
केलो विहार समिति ने कई बार कलेक्टर और नजूल विभाग को बेजा कब्जे की शिकायत भी की है। इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। एक मामला बहादुर सिंह का है। संस्था अध्यक्ष ने शिकायत की थी कि 34 लोगों को आवंटित भूखंड पर कब्जा कर बाउंड्रीवॉल बना ली गई। इस जमीन पर दुकानें भी बना ली गईं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। ग्रीन बेल्ट के लिए छोड़ी जाने वाली जमीन पर भी कब्जा कर लिया गया। परमानंद मिश्रा नामक व्यक्ति को भी बेजा कब्जे का नोटिस दिया गया था।
तहसीलदार की जांच में भी हुई पुष्टि
सितंबर 2022 में संस्था की ओर से बहादुर सिंह पिता जगमोहन के विरुद्ध शिकायत की गई थी। तब तहसीलदार रायगढ़ ने जांच करने का आदेश दिया था। शिकायत है कि बहादुर सिंह ने कॉलोनी को आवंटित भूमि में से 3.83 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया है। इसकी शिकायत में पाया गया कि राजेंद्र पिता बहादुर सिंह ने जमीन पर कब्जा कर दुकान का निर्माण कर लिया है। इतना होने के बाद भी कोई कार्रवाई न होना राजस्व विभाग की बेबसी दर्शाता है।
