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Raigarh News: 25वें श्री श्याम मंदिर रजत जयंती महोत्सव का आगाज कल

दो दिवसीय महोत्सव की मचेगी धूम, श्याम बाबा के गुणगान से गूंजेगा शहर

संजय काम्प्लेक्स स्थित श्याम बगीची व भगवानपुर स्थित अग्रोहा धाम में होगा कार्यक्रम


रायगढ़। जिले की प्रतिष्ठित संस्था श्री श्याम मंडल के तत्वावधान में दो दिवसीय 20 व 21 नवंबर को श्री श्याम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का रजत जयंती महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिसका भव्य शुभारंभ 20 नवंबर रविवार को होगा। पहले दिन रविवार को दोपहर 1.30 बजे से श्री श्याम अखंड ज्योति पाठ का आयोजन होगा, जो रात्रि 9 बजे रात तक चलेगा। जिसमें व्यासपीठ पर कोलकाता से आमंत्रित सरदार दलजीत सिंह एवं सरदार गुरुप्रीत सिंह विराजमान होंगे, जो अपने श्रीमुख से श्याम अखंड ज्योति पाठ का मनोहारी वर्णन करेंगे। बीच-बीच में कोलकाता से आए 8 कलाकार अलग-अलग देवी-देवताओं का रुप धरकर आकर्षक नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेंगे।

श्री श्याम मंडल के प्रचार मंत्री महावीर अग्रवाल ने बताया कि संजय काम्प्लेक्स स्थित श्याम बगीची में श्री श्याम मंदिर रजत जयंती महोत्सव की तैयारियां पूर्ण हो चुकी है। विशाल पंडाल के मध्य में श्री श्याम प्रभु का आकर्षक दरबार का कोलकाता के कारीगरों द्वारा फूलों से आकर्षक श्रृंगार किया गया है। महिलाओं एवं पुरूषों के लिए अलग-अलग बैठने की व्यवस्था की गई है। श्री श्याम अखंड ज्योति पाठ के बाद रात्रि 9 बजे से कोलकाता से आमंत्रित मशहूर भजन गायक आयुष सोमानी श्री श्याम बाबा के सुमधुर भजनों से भक्तों को रिझाएंगे। इस शुभ अवसर पर श्याम मंडल द्वारा रायगढ़ एवं बाहर के सभी भक्तों को अधिक से अधिक संख्या में पहुंच कर दर्शन लाभ लेकर पुण्य अर्जित करने की अपील की गई है। दूसरे दिन जिंदल रोड भगवानपुर स्थित अग्रोहा धाम में 21 नवंबर को शाम 6 बजे से अंतर्राष्ट्रीय भजन गायक कन्हैया मित्तल व अन्य आमंत्रित भजन कलाकारों की शानदार प्रस्तुति होगी।

कमल की पंखुडिय़ों के बीच विराजमान होंगे श्याम प्रभु
श्री श्याम मंदिर रजत जयंती महोत्सव पर मंदिर परिसर की भी आकर्षक सजावट की गई है। इसके लिए कोलकाता से एक ट्रक फूलों के साथ अन्य साज-सामग्री मंगाई गई है। मंदिर के गर्भगृह में कमल की पंखुडिय़ों के मध्य में श्री श्याम प्रभु को विराजमान किया जाएगा, जो भक्तों के लिए अद्भुत व अतुलनीय होगा। इस नयनाभिराम
श्याम पाठ में द्वापर से लेकर कलियुग तक का वर्णन
श्री अग्रवाल ने बताया कि इस सुन्दर संगीतमय अखंड ज्योति पाठ में कृष्णावतार श्री श्याम प्रभु के द्वापर युग से लेकर कलियुग तक की समस्त लीलाओं का सम्पूर्ण समावेश है कि कैसे श्रीकृष्ण द्वारा बरबरीक को अपना प्यारा नाम श्याम बाबा देकर कलियुग में घर-घर पूजित होने का विस्तृत कहानी का चरित्र चित्रण भजनों के साथ प्रदर्शित होगा। यह पाठ अनेक कष्टों को दूर कर चमत्कारिक मनोवांछित फल प्रदान करने वाला है। यह पाठ दोपहर 1.30 बजे से आरंभ होकर रात्रि 9 बजे तक चलेगा। रायगढ़ के सभी भक्तों को एक यादगार प्रस्तुति देखने को मिलेगी।
सुमिरन मात्र से दूर हो जाता है भक्तों का संकट

पुराणों के अनुसार महाभारत के युद्ध के दौरान वीर बर्बरीक ने अपनी अद्भुत बाण कला का कौशल दिखा कर भगवान श्रीकृष्ण को अचंभित किया एवं श्रीकृष्ण के कहने पर अपने शीश का दान देकर भगवान को प्रसन्न किया। महाभारत के बाद श्री कृष्ण द्वारा बर्बरीक के शीश को स्वयं में समाहित कर कलियुग में बर्बरीक को अपना प्यारा नाम श्याम समर्पित कर अपने ही नाम से घर घर पूजित होने का वरदान वीर बर्बरिक को श्री कृष्ण ने दिया। श्री कृष्ण ने अपनी 16 कलाओं का अवतारी होने एवं कलियुग में सुमिरन मात्र से तुम्हारे भक्तों का संकट क्षण में दूर होने का भी शुभाशीर्वाद प्रदान किया। वीर बर्बरीक कलियुग के प्रथम चरण में राजस्थान के सीकर जिले के खाटू धाम में श्री कृष्ण अवतार लेकर प्रकट हुए जो आज खाटूवाले श्री श्याम बाबा के रूप में जगविख्यात है। आज देश विदेश में श्री श्याम प्रभुु के करोड़ों की संख्या में अनुयायी भक्त हैं।