रायगढ़, 6 मार्च। नाबालिग बाला का अपहरण कर उसकी आबरू से खेलने के मामले में आरोप प्रमाणित होने पर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अनाचारी युवक को 20 बरस के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यही नहीं, मुल्जिम को 5 हजार रुपए का अर्थदंड भी देना होगा। न्यायालय सूत्रों के अनुसार मूलत: जशपुर जिले के पत्थलगांव थानान्तर्गत ग्राम घरजियाबथान निवासी सुखनाथ नाग पिता कंवर साय (25 वर्ष) पुसौर में काम करता था। विगत 8 जुलाई 2021 को सुखनाथ 15 साल की एक नाबालिग युवती का अपहरण कर उसे अपने घर ले गया। वहीं, अपनी बेटी के अचानक गायब होने से परेशान परिवार उसकी पतासाजी में जुट गए, नाकामयाबी हाथ लगने पर उन्होंने थाने की शरण लेते हुए आपबीती बताई।
इसी तारतम्य में लापता किशोरी ने 5 रोज बाद यानी 17 जुलाई को वीडियो कॉल कर अपने परिजनों को बचाने की गुहार लगाई। चूंकि, फोन में वह बंधक के रूप में दिख रही थी और सुखनाथ दूसरे नंबर से अपना फोटो भेज रहा था, इसलिए फिक्रमंद परिजनों ने पुलिस को सारी बात बताते हुए सहायता मांगी। ऐसे में वर्दीधारियों ने सुखनाथ के घर जाकर उसके कब्जे से अपहृत किशोरी को बरामद कर डॉक्टरी मुलाहिजा करवाते हुए उसे परिवार को सौंप दिया। पीडि़ता के बयान के आधार पर पुलिस ने भादंवि की धारा 363, 366, 376 (2) (ढ) और लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के तहत सुखनाथ के खिलाफ मुकदमा पंजीबद्ध करते हुए केस डायरी न्यायालय में पेश किया।
वहीं, फास्ट ट्रैक कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्रीमती प्रतिभा वर्मा ने इस संवेदनशील प्रकरण से जुड़े सभी पहलुओं, सबूतों और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद आरोप सिद्ध होने पर सुखनाथ नाग को 20 बरस की कठिन कैद की सजा सुनाते हुए 5 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया। नियत समय पर अर्थदंड की राशि चुकता नहीं होने पर मुल्जिम को 6 माह अतिरिक्त जेल में भुगतना होगा। इस मामले में शासन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की।
