पर्यावरण संरक्षण मंडल ने केवल मिट्टी डालने का दिया आदेश, कई उद्योगों और ट्रांसपोर्टरों को खुली छूट
रायगढ़, 18 जनवरी। रायगढ़ जिले में फ्लाई एश के यूटीलाइजेशन की समस्या बढ़ती जा रही है। उद्योगों का उत्पादन जितना बढ़ रहा है उतना ही एश का उत्सर्जन भी हो रहा है। जिन उद्योगों को फ्लाई एश का यूटीलाइजेशन करना है, वही इसकी अवैध डंपिंग करवा रहे हैं। वर्ष 2022 में प्रदेश में 19 उद्योगों ने फ्लाई एश की अवैध डंपिंग की है जिसमें 17 मामले रायगढ़ जिले के हैं।
औद्योगिक घरानों ने बड़े-बड़े संयंत्र लगा लिए, कोयले का भी जुगाड़ बैठा लिया लेकिन फ्लाई एश के यूटीलाइजेशन का प्लान नहीं बना पाए। इसलिए रोज निकल रहे सैकड़ों टन एश को खुले में डंप किया जा रहा है। विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में वर्ष 2022 में की गई कार्रवाई का विवरण दिया गया। करीब 19 उद्योगों ने फ्लाई एश की बिना अनुमति के खुले में डंपिंग की। एनएच किनारे, खेतों में एश डाल दिया गया जिसके कारण प्रदूषण बढ़ गया है। जनवरी से दिसंबर तक पर्यावरण विभाग ने 19 उद्योगों को नोटिस दिया था।
इसमें जेएसपी, आरआर एनर्जी, जेपीएल, जेएसडब्ल्यू इस्पात, अंजनी स्टील, सिंघल इंटरप्राइजेस, नवदुर्गा फ्यूल, स्काय एलॉयज, एनआर इस्पात, टीआरएन एनर्जी, एसकेएस पावर, सिंघल एनर्जी, रायगढ़ इस्पात, बीएस स्पंज, सालासर स्पंज, आरवीएस स्टील, एनटीपीसी लारा, एनटीपीसी सीपत और आरकेएम पावरजेन डभरा के नाम शामिल हैं। हैरानी की बात यह है कि प्रदेश में 19 उद्योगों को नोटिस दिया गया जिसमें 17 रायगढ़ जिले के हैं।
बेहद खतरनाक है स्थिति
विधानसभा में पूरे प्रदेश में राखड़ की अवैध डंपिंग को लेकर सवाल किया गया था। इस पर जो जवाब आया वह रायगढ़ जिले के लिए चिंताजनक है। प्रदेश में 19 उद्योगों को नोटिस दिया गया है। इसमें से 17 नाम तो सिर्फ रायगढ़ के हैं। मतलब यहां के उद्योग सबसे ज्यादा उल्लंघन कर रहे हैं।
