राज्य सरकार ने एक पार्क के लिए दो करोड़ की राशि की है मंजूर, महिला समूहों से कराएंगे मल्टी एक्टिविटी
रायगढ़। राज्य सरकार ने अब चुने हुए गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का स्वरूप देने तैयारी कर ली है। 2 अक्टूबर को भूमिपूजन भी हो चुका है। हर यूनिट के लिए दो करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। अविभाजित रायगढ़ जिले के नौ ब्लॉकों से दो-दो गौठानों का चिह्नांकन किया गया था।
गांवों को पहले गोधन न्याय योजना से जोड़ा गया। गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाकर बेचने के लिए गौठान का निर्माण किया गया। अब वहां आय बढ़ाने वाली गतिविधियां बढ़ाने के लिए रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना की जा रही है। महिला समूहों को यहां से जोडक़र मुर्रा मिल, पोल्ट्री फार्म, आटा मिल, दाल मिल, तेल मिल, मशरूम यूनिट, वेल्डिंग वर्क, बेकरी, फ्लाई एश ईंट फैक्ट्री, नर्सरी आदि का निर्माण होगा। अविभाजित रायगढ़ जिले के नौ ब्लॉकों से दो-दो गौठानों को चुना गया है।
यहां एक से तीन एकड़ जमीन आरक्षित की गई है। सरकार ने एक स्थान के लिए दो करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इसमें से एक-एक करोड़ जिला पंचायत को मिल चुके हैं। रायगढ़ ब्लॉक से डोंगीतराई और पंडरीपानी, पुसौर से सूपा और तरडा, खरसिया से भूपदेवपुर और बोतल्दा, तमनार से मिलूपारा और तमनार, धरमजयगढ़ से बरतापाली और दुर्गापुर, लैलूंगा से कोड़ासिया और मुकडेगा, घरघोड़ा से बैहामुड़ा और ढोरम, सारंगढ़ से गोड़म और छिंद, बरमकेला से सहजपाली और कण्डोला को इस प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है।
कठिन चुनौतियां देगा बाजार
रूरल इंडस्ट्रियल पार्क को सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बताया जा रहा है। गांवों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए यह कॉन्सेप्ट लाया गया है। इसकी राह में कई चुनौतियां हैं। रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में जो भी प्रोडक्ट तैयार होंगे, उनका मुकाबला बाजार में दूसरे उत्पादों से होगा। इसीलिए पहले चरण में ब्लॉक से सिर्फ दो-दो गौठानों को चुना गया है। आज इसकी बैठक होने वाली है जिसमें निर्माण के लिए योजना बनाई जाएगी।
