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1 हेडमास्टर और 4 शिक्षक के भरोसे हैं स्कूल के 170 बच्चे

सराईपाली के पूर्व माध्यमिक शाला में शिक्षकों की कमी दूर करने की मांग को लेकर लोग पहुंचे कलेक्ट्रेट

रायगढ़। जिले के तमनार ब्लॉक के ग्राम सराईपाली में एक ऐसा सरकारी स्कूल हैं, जहां 170 बच्चे एक प्रधान पाठक और  2 शिक्षकों के भरोसे ही हैं। ऐसे में नौनिहालों की पढ़ाई प्रभावित होने से परेशान अभिभावकों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर शिक्षक की समुचित व्यवस्था की मांग करते हुए जिलाधीश के नाम ज्ञापन भी सौंपा। बुधवार दोपहर जिलाधीश श्रीमती रानू साहू के नाम हस्ताक्षरित आवेदन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे तमनार विकासखण्ड के ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत सराईपाली स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में 170 स्टूडेंट्स पढ़ते हैं और यहां एक हेडमास्टर तथा 2 शिक्षक ही हैं।

इनमें विकास रंजन सिन्हा तो संकुल प्रभारी होने के कारण अधकांश रोज प्रशिक्षण कार्य में व्यस्त रहते हैं तो विज्ञान की शिक्षिका सरोजिनी यादव को स्काउट गाइड तथा योगा के लिए हमेशा गवर्नमेंट ट्रेनिंग पर बाहर जाना पड़ता है, लिहाजा इसका खमियाजा स्कूल में पढऩे वाले 170 बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। यही नहीं, पिछले 4 साल से यहां की हालत इसी तरह होने से बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इसके लिए पहले भी कई मर्तबे संकुल प्रभारी और बीईओ से भी सम्पर्क किया गया, मगर आजतक सराईपाली के स्कूल में शिक्षक की कमी बनी हुई है।

जबकि, शिक्षा का अधिकार कानून में स्पष्ट कहा गया है कि मिडिल स्कूल में प्रत्येक 7 बच्चों में 1 शिक्षक और 131 विद्यार्थियों से अधिक होने पर शिक्षकों की संख्या 5 होनी चाहिए, लेकिन यहां जो 2 शिक्षक हैं उन्हें भी अलग-अलग कार्य दिया गया है। यही वजह है कि सराईपाली के सरकारी पूर्व माध्यमिक शाला के अस्तित्व को बचाने और नौनिहालों के भविष्य को बदहाली से बचाने के लिए अभिभावकों ने कलेक्टर से पुरजोर मांग की है कि वे छात्रहित में गांव के स्कूल में शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था कराएं, ताकि शिक्षा की मशाल जलती रहे।