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Home | Raigarh News : DMF के 14 करोड़ गरवा में खर्च, हासिल क्या? मनमाने तरीके से कामों को दी अनुमति, सामग्री खरीदी में जिला पंचायत और जनपदों की भूमिका सन्देहास्पद, प्रदेश में 200 करोड़ से ज्यादा की रकम व्यय

Raigarh News : DMF के 14 करोड़ गरवा में खर्च, हासिल क्या? मनमाने तरीके से कामों को दी अनुमति, सामग्री खरीदी में जिला पंचायत और जनपदों की भूमिका सन्देहास्पद, प्रदेश में 200 करोड़ से ज्यादा की रकम व्यय

रायगढ़। रायगढ़ जिले में डीएमएफ की राशि परिणाममूलक कार्यों में खर्च करने के बजाय अफसरों की जिद पूरा करने में व्यय कर दी गई। अधिकारी अपनी फैंसी शॉपिंग की जिद पूरा करने की तरह डीएमएफ का पैसा भी बहाते रहे। नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना में ही करीब 14 करोड़ रुपए खर्च कर डाले गए। प्रदेश में दो सौ करोड़ से ज्यादा रकम इस पर व्यय हो गई है। राज्य सरकार ने नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना पर ही अपना पूरा फोकस कर दिया था। प्रारंभ के तीन साल तो केवल यही योजना उपलब्धियों में गिनी जाती रही। हकीकत बहुत कड़वी है। गौठानों को इस योजना का मॉडल बनाकर पेश किया गया। मनरेगा और दूसरे मद की राशि तो खर्च हुई ही लेकिन साथ में डीएमएफ से भी पानी की तरह पैसा बहाया गया।

प्रदेश में 200 करोड़ से भी अधिक राशि इस योजना में व्यय हो चुकी है। रायगढ़ जिले में भी पिछले तीन सालों में डीएमएफ से एनजीजीबी में 14 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। इसमें गरवा में 8.55 करोड़, घुरवा में 1.20 करोड़ और बाड़ी में 4.41 करोड़ रुपए व्यय किए गए हैं। यह जानकारी विधानसभा में दी गई है। गौठानों में ही दस करोड़ रुपए से अधिक रकम खर्च की जा चुकी है। सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार भी यहीं हुआ है। अफसरों ने डीएमएफ की राशि का कोई ऑडिट नहीं होने का फायदा उठाते हुए बिना जनप्रतिनिधियों से चर्चा के मनमानी मंजूरी दी। स्थानीय जरूरतों की उपेक्षा करते हुए रकम की बंदरबांट की गई।

केवल सामान खरीदी में फोकस
गौठानों को अफसरों ने विकास का रोजगार का मॉडल बनाने के बजाय भ्रष्टाचार के लिए उपयोग किया। कई सामग्रियां खरीदने में ही अधिकारियों ने फोकस रखा। मनमाने तरीके से खुद ही लिस्ट बनाकर सामानों के ऑर्डर दे दिए गए। इसके लिए न तो गौठान समिति ने मांग की और न ही समूहों ने। बहुत बड़ा घोटाला गौठानों में किया गया है।