रायगढ़। टिमरलगा और गुड़ेली में सालों तक खनन माफिया को पालने-पोसने वाली अवैध खदानों से अब फ्लाई एश ठेकेदार मालामाल हो रहे हैं। कंपनियां भी कम मात्रा की अनुमति लेकर मनमाने तरीके से डंपिंग करवा रहे हैं। एसकेएस पावर जेनरेशन ने तो अनुमति से दस हजार टन अधिक एश डंप कर दिया। जांच में सच सामने आया तो जुर्माना लगाया गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने फ्लाई एश को लेकर कड़े मापदंड जारी किए हैं। वैज्ञानिक विधि से ही एश का निपटान करना है। रायगढ़ जिले में निजी और सरकारी जमीन पर कई अवैध खदानों को एश से ही पाटे जाने की योजना बनाई गई है।












टिमरलगा और गुड़ेली में लाइमस्टोन की कई अवैध खदानें थीं। इन्हें एश से पाटने के लिए अनुमति देने एक कमेटी बनाई गई है। इसके पदेन अध्यक्ष कलेक्टर हैं। उद्योगों से फ्लाई एश पाटने के लिए प्रस्तव लेकर इसका अनुमोदन किया जाता है। इसका गलत फायदा कई कंपनियां और ट्रांसपोर्टर उठा रहे हैं। एसकेएस पावर जेनरेशन लिमिटेड ने भी ऐसी ही गड़बड़ी की है। कंपनी को गुड़ेली के खसरा नंबर 448/4/क, 449/2/क और 461/2/क भूमि स्वामी अंजनी कुमार की भूमि पर 30 हजार एमटी फ्लाई एश परिवहन की अनुमति दी गई थी। इसके बाद कंपनी ने पर्यावरण विभाग को बताया कि 31 अगस्त 2022 तक उक्त भूमि पर 40611 एमटी एश पाटा जा चुका है। मतलब अनुमति से 10611 एमटी एश अधिक डाल दिया गया। इस आधार पर एसकेएस पावर जेनरेशन को 1,06,11,130 रुपए का जुर्माना किया गया।





अवैध खनन के प्रमाण मिटा रहा प्रशासन
टिमरलगा और गुड़ेली में सालों से अवैध खनन होते रहे। प्रशासन न तो इन्हें रोक सका न ही कोई कार्रवाई कर सका। जिन जमीनों पर अब फ्लाई एश डंपिंग की अनुमति दी गई है, वे सभी प्रतिबंधित या अवैध खदानें हैं। इन खदानों को फ्लाई एश से ढंकने का प्रयास हो रहा है। इसके साथ ही अवैध खनन के कई प्रमाण भी दफन किए जा रहे हैं।



